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प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के बाद रेफर महिला ने सीढ़ियों पर दिया बच्चे को जन्म

पी. चंद, शिमला |

सरकार के प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावों के बावजूद आए दिन विभिन्न स्वास्थय संस्थानों में जीवन से लापरवाही की घटनाएं भी सामने आ रही है। सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल में डॉक्टर द्वारा प्रसव से ठीक पहले एक महिला को रेफर किए जाने अथवा निकलने को कहे जाने के चलते उसकी डिलीवरी अस्पताल के बाहर पर खुले आसमान के नीचे हुई। महिला और उनके परिजनों के अनुसार प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के चलते उन्होंने यहां तैनात स्वास्थय अधिकारी से महिला को कुछ देर अस्पताल में रखे जाने की अपील की, मगर वह नहीं माने। महिला को मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर किए जाने के दौरान सीएचसी प्रशासन द्वारा उसके लिए स्टेचर तक की व्यवस्था नहीं की गई और परिजनों को उसे पकड़कर सीढ़ी वाले रास्ते से ले जाना पड़ा।

महिला के प्रसव के दौरान भी डॉक्टर वहां नहीं पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने नाराजगी जताई और इसे मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना करार दिया। संगड़ाह से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित पावरा गांव की 23 साल मीरा देवी पत्नी बलदेव सिंह को सुबह 9 बजे 108 एंबुलेंस से यहां लाया गया। 108 एंबुलेंस के ईएमटी नीतू और चालक सुरेंद्र के अनुसार कुछ ही मिनट में महिला को रेफर किए जाने के बाद तीमारदार उसे दोबारा एंबुलेंस तक पहुंचाने की कोशिश में लगे थे, मगर इस बीच अस्पताल की सीढ़ियां चढ़ने के दौरान डिलिवरी हो गई। ईएमटी के अनुसार प्रसव में एक स्थानीय नर्स ने भी उनकी मदद की। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, सीढ़ियों पर लगे खून के धब्बे बाद दोपहर बारह तक नहीं धोए गए। सीएचसी में आम तौर पर एक ही डाक्टर के दिन-रात ड्युटी करने और एक के छुट्टी पर रहने, यहां चार की बजाय दो चिकित्सक होने, मूलभूत सुविधाओं का अभाव और जुखाम, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी रेफर किए जाने से लोगों में नाराजगी है।

महिला के पति बलदेव, सास दुर्गा देवी और ससुर मेला राम ने प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के दौरान हुई लापरवाही और मनमानी पर नाराजगी जताई। घटना के दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टर विकास ने कहा कि, उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई, हालांकि उन्होंने ऑन रिकॉर्ड कुछ भी कहने से इनकार किया। बीएमओ संगड़ाह डॉ यशवंत ने कहा कि, इस तरह की कईं बार इस घटनाएं होती है और वह इस में बारे डॉक्टर से पूछेंगे। सीएमओ सिरमौर डॉ केके पराशर ने कहा कि, दरअसल संगड़ाह में दो डाक्टर तैनात है और एक डॉक्टर से लगातार 24 घंटे तक काम लिए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि, प्रसव के मामले मे वह स्थानीय स्टाफ से बात करेंगे। जच्चा-बच्चा दोनों संगड़ाह अस्पताल में ठीक-ठाक है।