नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में गंभीर नहीं है। जिसका कारण है कि प्रदेश में आए दिन बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं और अपहरण जैसी घटनाएं हो रही हैं। सड़क हादसे दूसरा ऐसा गंभीर मामला है, जिस पर सरकार पूरी तरह फैल हुई है। कोई भी सरकारी अधिकारी और नेता हादसों की जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि नुरपुर में हुए बस हादसे के दर्दनाक मंजर से भी कोई सबक नहीं लिया गया है। नुरपुर हादसे के प्रभावित परिवारों को आज भी सरकार कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई है। कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ है। उसके बाद अनेकों हादसे हो चुके हैं। खराब सड़क, ब्लैक स्पॉट, पैरापिट ना होना सड़क हादसों के कारण बने हैं, तो वहीं बस चालकों की लापरवाही ने भी हत्या जैसा अपराध करने का काम किया है।
मुकेश ने कहा कि समय के साथ सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए विशेष कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें सरकार को जहां अपने दायित्व से भागना नहीं चाहिए। निजी बस ऑपरेटर हो या सरकारी चालक सभी को नियमों का पालन करना चाहिए। बंजार के दर्दनाक हादसे ने जिस प्रकार से घरों के चिरागों को बुझाने का काम किया है, उससे हम सबका मन दुःखी है। उन्होंने कहा कि ये हादसे सतर्कता से रूक सकते थे, लेकिन कमियों के चलते ऐसा नहीं हो सका। इसकी जिम्मेवारी सरकार को लेनी चाहिए।
मुकेश ने कहा कि एक सड़क हादसे में 44 के करीब यात्रियों की मौत होना दिल को हिलाने वाली घटना है, लेकिन शर्मनाक बात है कि सरकार अभी भी जांच करेंगे, दखेंगे, होगा जैसे शब्दों का प्रयोग कर रही है। ऐसे मामलों पर तो तुंरत कार्रवाई होनी चाहिए। इसी के साथ प्रदेश सरकार को हादसों पर नियंत्रण पाने के लिए ऐसा अभियान शुरू करना चाहिए, जिससे कमियों को दूर किया जाए।
वहीं, जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को फील्ड में उतारा जाए। चालकों और बस मालिकों को नियमों के बारे में जागरूक किया जाए। पंचायत प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से लोगों को भी जागरूक किया जाए, कि बसों में यात्रा करते समय में नियमों का पालन करें। ऐसे में कुछ हद तक हादसों पर नियंत्रण पाया जा सकता है, वहीं सरकार तुंरत कार्रवाई करते हुए सड़कों को दुरूस्त करें।