<p>हिमाचल प्रदेश अनुबंध अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार के रिटायर्ड शिक्षकों को शिक्षा विभाग में पुन: नियुक्त करने के फैसले पर कड़ा विरोध किया है। प्रदेश के भूतपूर्व प्रधान भूपेंद्र ठाकुर तथा वर्तमान प्रधान अश्विनी ठाकुर के संयुक्त ब्यान जारी कर इस मामले में कहा कि यह बेरोजगार अध्यापकों के साथ सरासर अन्याय है और नीतिगत भी नहीं है, अगर आज शिक्षा विभाग में अध्यापकों की कमी आई है, तो इसके लिए भी प्रदेश सरकार ही जिम्मेवार है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि सरकार के ऐसे तर्क विहीन निर्णय प्रदेश हित में नहीं हैं, इससे बेरोजगार अध्यापक न सिर्फ आहत होंगे, बल्कि आगे की डगर भी उनके लिए मुश्किल भरी होगी। संघ ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अभिलंब बैचवाइज और चयन आयोग से भर्तियां कर नौकरी की आस में बैठे हजारों बेरोजगार अध्यापकों को भी मौका दें, ताकि वे अपनी रोजी रोटी को सुचारु रूप से चल सकें।</p>
<p>संघ ने कहा कि प्रदेश सरकार चोर दरवाजे से अपने चहेतों को नौकरी देने का जो षड्यंत्र चल रही है, जो बेरोजगारों के साथ धोखा है। संघ का कहना है कि इस तरह कि भर्ती या पीरियड बेस भर्ती को बेरोजगार नौजवानों के अधिकार पर कुठाराघात है। विभाग को जल्दी से जल्दी खाली पोस्टो का खाका बना के हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड हमीरपुर भेज ताकि नये खाली पदों पर अध्यापक नियुक्त किये जाये।</p>
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