मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों और बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने उद्देश्य से उनके कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। राज्य के मेहनती और जागरूक किसान औऱ बागवान इन योजनाओं का लाभ उठाकर समृद्धि की राह पर अग्रसर हैं। ऐसे ही एक बागवान हैं ईसपुर के अजय कुमार शर्मा जो हिमाचल सरकार की योजनाओं का लाभ उठा कर अपनी लगन और मेहनत के चटक रंगों से अपनी किस्मत को सजा रहे हैं। अजय कुछ साल पहले अपने दोस्त से मिलने कुल्लू गए थे। उन्होंने अपने दोस्त के यहां अनार का खिला बागीचा देखा। अपने दोस्त से प्रेरित होकर उन्होंने करीब सात वर्ष पूर्व ईसपुर में अनार की खेती शुरू की। पहले प्रयास में उन्होंने भगवा सिंदूरी किस्म के 40 अनार के पौधे लगाए। अपनी सफलता से उत्साहित होकर उन्होंने अपनी 13 कनाल भूमि में अनार के 300 पौधे रोपे।
वह अपने बागीचे और फलों के बारे में बताते हुए कहते हैं कि मैं अपने अनारों को बेचने के लिए कभी बाहर नहीं जाता। मेरे अनारों की गुणवत्ता को देखते हुए लोग मेरी दुकान से फल खरीद कर ले जाते हैं। जब मेरे पौधे फल देने लगते हैं। तो स्थानीय बाज़ार में दुकानदारों के अनार बिकना बंद हो जाते हैं। लोग हमारे ताज़ा अनार खरीदना पसंद करते हैं। पेशे से वकील अजय आज सिर्फ अनार के माध्यम से ही प्रति वर्ष 1 लाख से लेकर 1.50 लाख रुपए तक शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। अपनी आरंभिक सफलता से उत्साहित होकर अजय अब तक अनार के एक हज़ार नए पौधे लगा चुके हैं और उन्हें उम्मीद है कि अगले वर्ष तक नए पौधे भी फल देना आरंभ कर देंगे। बागवानी विभाग से मिले सहयोग के बारे बताते हैं कि विभाग ने उन्हें हर कदम पर मदद की है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप इरिगेशन के लिए उपदान मिला। अनार के पौधे लगाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मदद दी गई और एकीकृत बागवानी योजना के तहत कृषि उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान की गई। अनार का बागीचा लगाने के लिए बागवानी विभाग की ओर से उन्हें अब तक दो लाख रुपए की मदद प्राप्त हो चुकी है।
अजय शर्मा का पूरा परिवार बागवानी में उनकी मदद करता है। साल में केवल एक बार छंटाई के दौरान ही बाहरी लोगों को बुलाया जाता है। अजय की पत्नी किरण शर्मा बताती हैं कि उनके पति अनार के बागीचे में काफी मेहनत करते हैं और पूरा परिवार उनकी सहायता करता है। उनके अनार की स्थानीय बाज़ार में काफी मांग रहती है। जिससे उन्हें अच्छे दाम मिलते हैं। बागवानी विभाग के विषय वाद विशेषज्ञ केके भारद्वाज कहते हैं, ‘‘अजय शर्मा को विभाग की कई स्कीमों के तहत अनुदान दिया गया है। वर्ष 2015 में पौधे लगाने, वर्ष 2019 में ड्रिप इरिगेशन तथा कुछ माह पूर्व पावर टिलर खरीदने के लिए उन्हें सब्सिडी प्रदान की गई है। बागवानी विभाग सभी बागवानों के साथ है तथा उन्हें तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है।’’
वहीं बागवानी विभाग के उप निदेशक डॉ. सुभाष चंद कहते हैं कि जि़ला ऊना में लगभग 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसान बागवानी कर रहे हैं। जिसमें किन्नू, संतरा, आम, अनार, आड़ू, नींबू और माल्टा आदि फल शामिल हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें 50-85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। पॉलीहाउस लगाने पर विभाग की ओर से 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। ऊना ही नहीं प्रदेश भर के किसान इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ संपर्क कर सकते हैं।