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सभी पार्टियां देश के लिए नहीं वोट के लिए जी रही हैं : शांता

मृत्युंजय पुरी |

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने एक बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि सभी पार्टियां राजनीति में अपराधिकरण रोकना नहीं चाहती हैं। सर्वोच्च न्यायालय कई दिनों से यह कोशिश कर रहा है कि गंभीर अपराध के आरोपियों को चुनाव न लड़ने दिया जाए। सब पार्टियां सहमत हों और कानून बनाएं। लेकिन सभी पार्टियां ऐसा कानून नहीं बनाना चाहती।

उन्होंने कहा कि जिन नेताओं पर बलात्कार, हात्या और डकैती जैसे आरोप होते हैं पार्टियां उनको भी टिकट देती हैं और चुनाव जीतकर वे विधानसभा और संसद में पहुंचती हैं। शांता ने कहा कि इसी कारण देश की राजनीति में अपराधियों की संख्या बढ़ रही है और भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है। जिससे आम आदमी को न्याय नहीं मिल रहा।

शांता ने कहा कि दिन दयाल उपाध्याय और अटल जी कहा करते थे कि छल-कपट और दल-बदल से सरकारें तो बदल सकती हैं लेकिन समाज बदलने के लिए मूल्य आधारित राजनीति चाहिए। आज उनकी बात भाजपा भी नहीं मान रही। यही कारण है कि आजादी के 74 साल पूरे होने के बाद भी ट्रांसपेरेंसी इंटनैशनल की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल है और ग्लोबल हंगर इंडैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया के सबसे गरीब 120 देशों की सूची में नीचे से 117 नंबर पर है। 19 करोड़ लोग लगभग भूखे पेट सोते हैं। आज भी अत गरीब घरों की बेटियां खरीदी और बेची जाती हैं।

उन्होंने कहा कि इस सबके बाद भी सर्वाच्च न्यायालय की सलाह मानकर राजनीति में अपराधिकरण समाप्त करने को राजनीति दल तैयार नहीं। आज की कठोर सच्चाई यह है कि पार्टियां वोट के लिए जी रही हैं, देश के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी और दीन दयाल उपाध्याय आ जाएं तो सिर पटक कर और आंसु बहा कर कहीं भाग जाएं। मेरी पार्टी भी सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मानने को तैयार नहीं है यह सोचकर मुझे भी शर्म आ रही है।