Follow Us:

शिमला में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती

|

  • राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने चौड़ा मैदान में अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया

  • नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने दी श्रद्धांजलि

  • डॉ. अंबेडकर के सामाजिक न्याय और समानता के विचारों को किया गया स्मरण


Ambedkar Jayanti Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में आज संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाई गई। कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल, शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया। उन्होंने विशेष रूप से दलितों और वंचित वर्गों के लिए न्याय और समान अधिकारों की पैरवी की। “डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा को सामाजिक मुक्ति का रास्ता बताया और उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं,” राज्यपाल ने कहा।

कार्यक्रम के दौरान केक काटकर भी अंबेडकर जयंती का उत्सव मनाया गया, जो कार्यक्रम की आत्मीयता और समरसता को दर्शाता है।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री कर्नल शांडिल ने अपने संबोधन में डॉ. अंबेडकर को भारतीय समाज की रीढ़ बताया और कहा कि वे केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता के महान पुरोधा भी थे। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को अंबेडकर के संघर्ष और विचारों से प्रेरणा लेकर एक समतामूलक समाज के निर्माण में योगदान देना चाहिए

कार्यक्रम का आयोजन न केवल श्रद्धांजलि देने का अवसर बना, बल्कि समाज में समानता, शिक्षा और न्याय के मूल्यों को फिर से आत्मसात करने की प्रेरणा भी बना।