<p>पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने यहां कहा कि प्रदेश के 11 जिलों में गाय अभ्यारण्य/गौसदन स्थापित किए जाएंगे जिनमें प्राकृतिक वातावरण में बेसहारा पशुओं को आश्रय और भूमि संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार चरने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। लाहौल स्पीति जिला में बेसहारा पशु न होने के कारण गौ सदन नहीं स्थापित किया जाएगा। पहले चरण में इन गाय अभ्यारण्यों/गौसदन की स्थापना जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग, जिला सोलन के हांडा कुंडी, हमीरपुर के खेरी, ऊना के थाना कलां खास, कांगड़ा के इंदौरा-डमटाल, कुंदन-जीपी-बडसर-पालमपुर, कंगेहन-जयसिंहपुर, लुथान (ज्वालामुखी) और बिलासपुर के बरोटा-डबवाल, तहसील नैना देवी जी और धार-तातोह तहसील सदर में की जा रही है।</p>
<p>कांगड़ा जिले में अधिकतम चार गौ अभ्यारण्य/गौसदन स्थापित किए जाएंगे जिसके लिए इंदौरा (डमटाल), कुंदन (पालमपुर), कंगेहन (जयसिंहपुर) और लुथान (ज्वालामुखी) को चयनित किया गया है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित गौसदन बैन अटेरियां की क्षमता को मौजूदा 250 से बढ़ाकर 1000 करने के लिए 77,90,000 रुपए की लागत से बनने वाली चारदीवारी का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि जिला लाहौल स्पीति को छोड़कर प्रत्येक जिले में कम से कम एक गाय अभ्यारण्य स्थापित किया जाएगा, जबकि कांगड़ा जैसे बड़े जिले में चार गाय अभ्यारण्य स्थापित किए जाएंगे, जहां आवारा पशुओं की संख्या अधिक है।</p>
<p>वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग अभयारण्य के लिए 1.52 करोड़ रुपये, जिला सोलन के हांडा कुंडी अभ्यारण्य के लिए 2.97 करोड़ रुपये, जिला ऊना के थाना कलां खास अभ्यारण्य के लिए 1.69 करोड़ रुपये, जिला हमीरपुर में खेरी सुजानपुर अभ्यारण्य के लिए 2.56 करोड़ रुपये और जिला चंबा के मंझीर अभ्यारण्य के लिए 1.66 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त सभी पांच गाय अभ्यारण्यों/बड़े गौसदनों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और साल 2020 तक पूरा हो जाएगा और इन सभी गौ अभ्यारण्यों/बड़े गौसदनों को साल 2020 में कार्यशील कर दिया जाएगा।</p>
<p>सरकार ने इन अभ्यारण्यों के निर्माण के लिए नोडल विभागों के रूप में लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास, एचपीएसआईडीसी, हाउसिंग बोर्ड आदि बुनियादी ढांचा विकास में लगे विभिन्न सरकारी विभागों को अधिसूचित किया है, जो संबंधित जिले में विभाग के पास लंबित कार्य भार के आधार पर है। वर्तमान में राज्य में बेसहारा पशुओं की आबादी 27,352 है, जबकि 13,337 मवेशियों को राज्य के मौजूदा गोसदनों और गौशालाओं में पाला जा रहा है।</p>
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