कांगड़ा के फतेहपुर में पशु औषद्यालय तहत पौंग बांध के साथ सटे गांवों में अज्ञात बीमारी से पशुओं के मरने के मामले में पशु पालन विभाग सर्तक हो गया है। आज पशु पालन विभाग की एक विशेष टीम ने कुछ गांवों को दौरा कर जानकारी जुटाई। वहीं, कुछ बीमार पशुओं के खून के सैंपल भी लिए। विभाग की यह जांच कल भी जारी रहेगी। आज टीम ने धमेटा के समकड़ गांव में दस्तक दी।
टीम में उपमंडलीय पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंजू ब्यास, पशु चिकित्सा अधिकारी ताक्षी रिहालिया, डॉक्टर सौरव शर्मा, डॉ. विशाल ठाकुर व उनके सहयोगी शामिल हैं। टीम ने लोगों से पशुओं मरने के बारे में जानकारी व आंकड़ा इकट्ठा किया। वहीं जांच के लिए पहुंचे डॉक्टर सौरव शर्मा ने कुछ बीमार पशुओं के नमूने लिए।
क्या था मामला
पशु औषद्यालय फतेहपुर के तहत पौंग बांध के साथ सटे गांवों में कई पशु बीमारी की चपेट में आकर मर रहे हैं। जानकारी देते हुए जिला परिषद रीटा पठानिया, अश्वनी कुमार, कृष्ण कुमार, मियान, मान सिंह, प्रकाश चंद, पिर्थी चंद, अशोक शर्मा, प्रभात सिंह, निक्का राम आदि ने बताया था कि पौंग बांध के सटे गांवों में पिछले चार दिन में ही करीब 70 से 80 पशु अज्ञात बीमारी से मर चुके हैं। मगर संबंधित विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। पशु औषद्यालय विभाग ने आज तक संबंधित गांवों में पहुंचकर स्थिति को जानने की कोशिश तक नहीं की है।
पौंग बांध के साथ लगते धमेटा, बाड़ी, मनोह, सिहाल, चट्टा आदि में अज्ञात बीमारी से पशुओं के मरने का सिलसिला जारी है। वहीं, धमेटा के समकड़ में आधा दर्जन पशु अभी भी बीमारी से ग्रस्त चल रहे हैं, जिस कारण पशुपालक परेशान हैं। वहीं, पशुपालकों ने बिभाग से पशुओं को बीमारी से निजात दिलवाने की गुहार लगाई थी। लोगों की माने तो विभाग हर बार बरसात के मौसम शुरू होने से पहले ऐसी बीमारियों के बचाव के लिए पशुओं को इंजेक्शन लगाता है। बावजूद इसके क्षेत्र के कई पशु इन भंयकर बीमारियों के चपेट में आकर मर रहे हैं
डॉक्टर सौरव शर्मा ने बताया कि खून के सैंपल भरे हैं, जिन्हें जांच के लिए शिमला भेजा जा रहा है। जबकि कुछ नमूनों की जांच शाहपुर में की जाएगी।आज समय कम होने के कारण कुछ जगहों की जानकारी जुटाई गई है। कल विभाग फिर संबंधित गांवों मे पहुंचेगी। पशुओं के मरने के क्या कारण रहे हैं, यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा।
धमेटा पंचायत के प्रधान बीना देवी व जिला परिषद सदस्य रीता पठानिया ने बताया उनके यहां करीब 30 से 35 पशुओं के मरने की पुष्टि हुई है। आज विभाग कार्रवाई के लिए पहुंचा है। अगर विभाग समय रहते उचित कदम उठाता तो शायद यह बीमारी बढ़ती नहीं।
पीड़ित लोगों को मिले राहत राशि
शिव सेना केसरिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश दत्त कालिया ने कहा कि प्रशासन व विभाग इस मामले पर रिपोर्ट तैयार करते हुए गरीब लोगों को मुआवजा दे। सीएम जयराम ने इंदौरा में 15 अगस्त को घोषणा की थी कि दुधारू पशु के मरने पर 30 हजार मुआवजा दिया जाएगा, उस घोषणा पर अमल करते हुए विभाग व सरकार इन लोगों को मुआवजा दे।