छात्र अभिभावक मंच ने शिमला के अंकुर डे और सोलन के सेंट ल्यूक्स स्कूल द्वारा फीसों में कटौती के कदम का स्वागत किया है। वहीं उन्होंने प्रदेश के अन्य प्राइवेट स्कूलों से मांग की है कि वे भी जल्द ही भारी फीसों में कटौती करें। मंच ने प्राइवेट स्कूलों को चेताया है अगर उन्होंने मनमानी, लूट और भारी फीसों पर अंकुश न लगाया तो स्कूलों के बाहर आंदोलन शुरू होगा।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेशभर में अभिभावकों के आंदोलन का असर दिखने लगा है। इस कड़ी में शिमला के अंकुर डे स्कूल ने पिछले साल की फीस की तुलना में इस बार लगभग तीन हज़ार रुपये की कटौती की है। इसी तरह सोलन के सेंट ल्यूक्स स्कूल प्रबंधन ने 17 मार्च 2019 को अभिभावकों को पत्र जारी करके इस साल एनुअल चार्जेज़, स्पोर्ट्स और गेम्ज़ आदि के मद में की गई बढ़ोतरी को वापिस लेने का निर्णय लिया है।
सेंट ल्यूक्स स्कूल ने 20 नवम्बर 2018 को एसएमसी द्वारा विभिन्न मदों में लिए गए फीस बढ़ोतरी के निर्णय को 5 जनवरी 2019 अभिभावकों को जारी की गई फीस बुकलेट्स के माध्यम से सूचित किया था। परन्तु अब उसने 18 मार्च 2019 तक फीस कटौती के मध्यनजर फीस बूकलेटों को वापिस मंगवा लिया है। उन्होंने सभी प्राइवेट स्कूल प्रबंधनों से मांग कि है कि वे तुरन्त अंकुर डे और सेंट ल्यूक्स स्कूल की तरह फीसों में कटौती करें और अभिभावकों को आर्थिक राहत दें। उन्होंने स्कूल प्रबंधनों से मनमानी और लूट को तुरन्त बन्द करने की मांग की है।
मंच ने निदेशक उच्चतर शिक्षा से मांग की है कि सभी प्राइवेट स्कूलों को अंतिम मौका देकर फीस का पूरा ब्यौरा तलब किया जाए। जो स्कूल जवाब देने में असमर्थ होते हैं उन पर निजी शैक्षणिक संस्थान(संचालन) अधिनियम 1997 और वर्ष 2003 के नियमों के अनुसार कार्रवाई अमल में लाते हुए उनकी मान्यता तुरन्त रद्द की जाए। उन्होंने निदेशक से यह भी मांग की है कि 16 मार्च 2016 को छात्र अभिभावक मंच से किये गए वायदों की तुरन्त अधिसूचना जारी की जाए और प्राइवेट स्कूलों में ड्रेस, किताबों व पीटीए आदि पर कानून अनुसार निर्णय लेकर उसे कार्यान्वित किया जाए। इसके साथ ही अंकुर डे और सेंट ल्यूक्स स्कूल की तरह सभी प्राइवेट स्कूलों को फीसों में कटौती करने को कहा जाए तथा पिकनिक,टूअर व ट्रिप के चार्जेज़ को ड्रॉप करवाया जाए।