हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड में लापरवाही का सिलसिल आज भी जारी है। इसी के चलते हजारों छात्रों के भविष्यों के साथ खिलवाड़ हो रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन इस पर कोई कदम नहीं उठाते और जब प्रदेश के छात्र इनके खिलाफ बोलते हैं तो उन्हें अनदेखा कर साइड कर दिया जाता है।
दरअसल, सरकाघाट के एक छात्र ने 12वीं के साइंस संकाय में गणित की परीक्षा दी थी। रिजल्ट आने पर उसे गणित में 51 अंक दिए गए, लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नहीं तो और कह रहा था कि मेरे मार्क्स ज्यादा आने चाहिए। इसलिए उसने गणित के पेपर की रिवेल्यूएशन भरी, जिसमें बोर्ड ने फिर उसे 51 मार्क्स ही दिए। जब छात्र को इसमें गड़बड़ी संदेह हुई तो उसने आरटीआई लगाई तो नंबर सीधे 51 से 88 कर दिए गए।
जानकारी के मुताबिक, मार्च-2017 की जमा दो विज्ञान की परीक्षा में बैठे छात्र निशांत ने स्थानीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सरकाघाट से रोल नंबर 17433315131 के तहत परीक्षा दी थी। अपने नंबर देखने के रिवेल्यूएशन में पहले कोई इजाफा नहीं हुआ और जब आरटीआई लगाई गई तो सीधे 37 नंबरों में इजाफा हो गया।
प्रभावित छात्र के पिता सुरेंद्र कौंडल का कहना है कि बोर्ड की लापरवाही से बेटे की पढ़ाई प्रभावित हुई है और स्कूल शिक्षा बोर्ड इसका हर्जाना दें। इस बारे जब धर्मशाला स्थित स्कूल बोर्ड के सचिव अक्षय सूद से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वह मामले की पूरी जांच कर प्रभावित छात्र को न्याय दिलवाया जाएगा।