क्या हमीरपुर में धूमल परिवार की साख पर फिर हो रहा चुनाव? क्या भाजपा ने अनुराग पर खेल दिया सियासी दांव? क्या अनुराग के गले में टांग दी गई बागियों की घंटी? अनुराग सिंह ठाकुर को इस बार दोहरी चुनौती? खुद का चुनाव तो जीतो ही, साथ ही हमीरपुर लोकसभा की 5 विधानसभा सीटों के उपचुनाव भी जितवाओ.? आपको क्या लगता है कि क्या भाजपा ने इस बार अनुराग ठाकुर के सिर पर पूरे हिमाचल प्रदेश का बोझ नहीं डाल दिया है? या फिर भाजपा हाईकमान और खुद पीएम मोदी अनुराग सिंह ठाकुर की अग्निपरीक्षा लेना चाहते हैं?
ये तमाम सवाल इसलिए क्यों कि 4 बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को इस बार सिंगल लाइन पर चुनाव नहीं लड़ना है..बल्कि अपने लोकसभा चुनाव के साथ साथ हमीरपुर लोकसभा की 5 विधानसभा सीटों में लड़ रहे कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों को कमल निशान पर चुनाव जितवाना भी है.. ऐसे में ये परिस्थितियां अनुराग ठाकुर के लिए दोहरी चुनौती से कम नहीं हैं.. इस सियासी खेल में अनुराग ठाकुर को नुकसान भी हो सकता है… ऐसा क्यों है ये हम आपको बताते हैं.. दरअसल, अनुराग सिंह ठाकुर भाजपा का बड़ा चेहरा हैं..और वे 5वीं बार लोकसभा सांसद बनने की ओर आगे बढ़ चुके हैं..लेकिन यहां सवाल कांग्रेस से आए बागियों का है..जिन्हें भाजपा ने टिकट दिया है.. ऐसे में 5 विधानसभा तो ऐसी हैं जो अनुराग सिंह ठाकुर के लोकसभा क्षेत्र हमीरपुर में आती हैं.. जैसे हमीरपुर विधानसभा, बड़सर विधानसभा, गगरेट विधानसभा, सुजानपुर विधानसभा, कुटलैहड़ विधानसभा.
हमीरपुर विधानसभा को फिलहाल अभीॉ छोड़ दिया जाए तो 4 विधानसभा बड़सर, गगरेट, सुजानपुर, कुटलैहड़ विधानसभा ऐसी हैं जहां उप-चुनाव होने हैं.. ऐसे में अनुराग सिंह ठाकुर के कंधों पर अब ये जिम्मेदारी आ गई है. या यूं कहें कि ये जिम्मेदारी डाल दी गई है, कि हमीरपुर लोकसभा के साथ इन पांचों विधानसभा सीटें भी मोदी की झोली में कैसे डाली जाएं.. मुश्किल यहां अनुराग सिंह ठाकुर की लोकसभा के लिए नहीं है, लेकिन मुश्किल इन बागियों को भाजपा का टिकट मिलने से बढ़ गई हैं.. ऐसा इसलिए क्यों कि विधानसभा में भाजपा के पुराने दिग्गज नेता इन बागियों को टिकट मिलने से नाराज चल रहे हैं.
इतना ही नहीं कईयों ने तो भाजपा के इस्तीफा तक दे दिया है.. भाजपा के पुराने नेता इन बागियों के साथ खड़े नहीं दिख रहे हैं..और कहीं ना कहीं जनता भी इन बागियों से नाराज दिख रही है.. ऐसे में सवाल ये है कि अनुराग सिंह ठाकुर अपनी लोकसभा की सीट बचाएं, या फिर इनकी विधानसभा सीटों में बागी हो रहे भाजपा नेताओं को मनाएं..? फिलहाल, हमीरपुर में भाजपा के लिए कुछ ऐसा ही संकट खड़ा हो गया है.. जो सिर्फ भाजपा के लिए ही नहीं बल्कि धूमल परिवार के लिए भी मुश्किल भरा है.. दोस्तों फिलहाल मुझे दीजिए इजाजत, फिर मिलेंगे एक और स्पेशल रिपोर्ट लेकर..लेकिन कमेंट बॉक्स में आप अपनी राय देना ना भूलिएगा, क्यों कि आपकी राय हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है.