जिला ऊना अस्पताल की जनऔषधि केंद्र में डॉक्टरों द्वारा दवाएं न लिखने पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सीएमओ सहित अस्पताल प्रबंधन की खूब क्लास लगाई। अनुराग ठाकुर ऊना अस्पताल के जन औषधि केंद्र की संचालक शिखा के जन औषधि केंद्र में दवाओं की बिक्री रिपोर्ट और डॉक्टर्स द्वारा दवाई लिखने के बारे में चुप रहने पर व्यवस्था पर भड़क उठे।
उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को पिछले समय में कितने डॉक्टर्स ने जनऔषधि केंद्र ऊना से दवा लिखी और कितनों ने नहीं इसकी रिपोर्ट भी मांगी। साथ ही डॉक्टर्स को कारण भी बताने के लिए बोला कि अगर वे केंद्र से दवा नहीं लिख रहे तो क्या समस्या है और कौन सा साल्ट कम। उन्होंने कहा मौके पर मौजूद ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर से भी आग्रह किया कि इसी प्रकार प्रदेश में भी अधिकारियों से वार्षिक रिपोर्ट ली जाए ताकि बेहतर व्यवस्था के लिए आंकड़ा सामने हो।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब तक योजना को लागू करने वाले सही नही होंगे तो योजना अपने आप ही बुरी है। डॉक्टर्स जन औषधि की दवा को सस्ता बता कर मरीज को डराते है और स्टंट में भी ऐसा कर महंगा इलाज मरीजों को दे रहे हैं। देश में 6700 जनऔषधि हैं जिनपर केंद्र, 90 प्रतिशत कीमत कम है दवाओं की तथा वर्तमान में 90 लाख लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।
उन्होंने उपयुक्त ऊना ओर सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है कि वें बताएं कि उन्होंने सेनेटरी नेपकिन किशोरियों को जिला भर में पहुंचाने के लिए जिला में कहां तक जागरूकता फैलाई। हैरानी है सरकार की ओर से मात्र 1 रुपये में स्कूल और घर द्वार पर सेनेटरी नेपकिन मिल रहा है लेकिन यह सही रूप से लागू ही नहीं। इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द बना कर दें और बताएं की बीएमओ स्तर पर इसमें क्या हुआ। हम सुनिचित बनाएंगे बेहतर व्यवस्था को। इस मौके पर ग्रामीण मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने भी अस्पताल की मिल रही शिकायतों औरर अव्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोसा। इस बारे में जल्द एक बैठक कर व्यवस्था सुधार का निर्णय लिया।