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शिमलाः मंदी की कगार पर पहुंच चुकी APG यूनिवर्सिटी को नए प्रबंधन से उम्मीद

पी. चंद, शिमला |

जिला में स्थापित एकमात्र निज़ी विश्वविद्यालय एपीजी पर खतरे के बादल मंडरा रहे है। जिसके चलते पूरे प्रबंधन को बदल दिया गया है। यूनिवर्सिटी को नए कुलपति डॉ. रमेश चौधरी से काफ़ी उम्मीदें है। डॉ. रमेश का कहना है कि यूनिवर्सिटी को चलाने के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना कर पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या फाइनेंस की हैं। यूनिवर्सिटी की स्कोलरशिप भी पिछले 3 साल से रूकी पड़ी है। इन सभी समस्याओं के बाबजूद उम्मीद है कि अगले छः माह तक सारा काम पाइपलाइन में आ जायेगा।

एपीजी यूनिवर्सिटी में 26 देशो के छात्र पड़ रहे हैं। हिमाचल के 99 फ़ीसदी कर्मी यहां काम कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी शिक्षा की गुणवत्ता पर काम कर रही है। 2000 छात्र यूनिवर्सिटी में है। पिछले सालों में जो समस्याए आई अब वह नही होंगी क्योंकि अब यूनिवर्सिटी ट्रस्ट में नया प्रबंधन है जो शिमला की पहचान इस यूनिवर्सिटी को आगे बढ़ाएगा।