शिमला की मंडियों में सेब ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। अर्ली वैरायटी का मंडी में पहुंचना शुरू हो गया है । मंगलवार को रेड जून और टाइडमैन सेब लेकर बागवान भट्टाकुफर फल मंडी पहुंचे। हालांकि सेब कच्चा होने के चलते बागवानों को सेब के अच्छे दाम नही मिल रहे है। मंडी में आठ बॉक्स सेब के पहुचे जहां हाफ बॉक्स 350 रुपए में बिका।इसके अलावा नाशपाती सहित अन्य स्टोन फ्रूट भी मंडी में आ रहे है जिसके अच्छे दाम बागवानों को मिल रहे है।
वही आने वाले दिनों में सेब सीजन रफ्तार पकड़ेगा। 15 जुलाई के बाद ही सेब सीजन पूरी तरह से शुरू होता है। और इस साल से सरकार द्वारा इस बार यूनिवर्सल कार्टन में सेब बेचने के निर्देश जारी किए है ओर अन्य किसी बॉक्स में सेब बागवान नही बेच पाएंगे। लेकिन अभी तक बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन बाजार में नही पहुंचा है और न ही सरकार इसको लेकर कोई व्यवस्था कर पाई है।ऐसे में बागवान परेशान हो रहे है। अभी बागवान टेलीस्कोपी कार्टन में ही सेब मंडियों में लेकर आ रहे है।
भट्टाकुफर फल मंडी के आढ़ती ज्ञान चन्द ने कहा कि नाशपाती और सेब ने मंडी में दस्तक देना शुरू कर दिया और आज मतियाणा से बागवान सेब लाकर पहुंचे हैं लेकिन बागवानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर प्रदेश सरकार द्वारा यूनिवर्सल कॉटन में सेब बेचने की व्यवस्था करने के फरमान तो जारी कर दिए।
लेकिन यूनिवर्सल कार्टन अभी फिलहाल बागवानों को नहीं मिल रहे हैं। बागवान फ्रूट अभी टेलीस्कोपी कार्टन में ही ला रहे है। जिला में एक दो दुकानों पर ही यूनिवर्सल कार्टन का दाम तह नही किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द यूनिवर्सल कार्टन बागवानों को उपलब्ध करवाया जाए और इसके दाम तय करवाए जाएं ताकि भगवानों को परेशान ना होना पड़े।
वहीं मंडी में सेब व अन्य फ्रूट लेकर पहुंच रहे बागवानों ने यूनिवर्सल कार्टन के सरकार के फैसले का स्वागत को तो किया लेकिन अभी मार्किट में यूनिवर्सल कार्टन न मिलने से बागवान निराश है। बागवानों का कहना है कि सरकार का ये फैसला अच्छा है लेकिन बाजार में कही ये कार्टन नही मिल रहा है। जिसके चलते उन्हें पुराने कार्टन में ही नाशपाती सेब लेकर आना पड़ रहा है। बागवानों ने सरकार से जल्द यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था करने की मांग सरकार से की ।