सिरमौर में गिरी नदी पर प्रस्तावित रेणुका बांध परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में शुक्रवार को हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान के सीएम ने परियोजना के निर्माण समझौते पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए।
रेणुका बांध से मिलने वाली 40 मेगावाट बिजली पर हिमाचल प्रदेश का अधिकार होगा, जबकि पानी दिल्ली समेत चारों राज्यों में बांटा जाएगा। रेणुका परियोजना का 90 फीसदी खर्च केंद्र वहन करेगा। जबकि राज्यों को 10 फीसदी खर्च ही देना पड़ेगा। दिल्ली सरकार परियोजना के बिजली घटक का 90 फीसदी खर्च वहन करेगी। इससे दिल्ली को पानी का लाभ तो मिलेगा ही साथ ही हिमाचल प्रदेश चाहे तो उसे बिजली बेच भी सकता है।
रेणुका परियोजना के तहत गिरि नदी पर 148 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा। इस पर कुल 4600 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें जल घटक पर 4325 करोड़ रुपये और बिजली घटक पर 275 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बांध के जलाशय की इसकी जल भंडारण क्षमता 48.9 करोड़ घनमीटर होगी। हिमाचल प्रदेश को यमुना के 3.15 फीसदी जल का उपयोग करने का अधिकार होगा, इसके लिए उसे किसी से अनापत्ति प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं होगी। वह अपने हिस्से का पानी किसी को भी बेच सकेगा।