हिमाचल

कौल की उम्र का हवाला देकर आश्रय ने मांगा द्रंग से टिकट

मंडी: मंडी सदर से अनिल शर्मा ने अपने भविष्य को लेकर कोई निर्णय भले ही अभी तक न लिया है और वह लगातार दो नावों में सवार होकर कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा की ओर दिखते हैं मगर उनके बेटे व स्वर्गीय पंडित सुख राम के पौत्र प्रदेश कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी आश्रय शर्मा ने मंडी द्रंग से टिकट मांग लिया है। कांग्रेस इन दिनों टिकट के आवेदन ले रही है जो पहली सितंबर तक लिए जाएंगे। इसी कड़ी में आश्रय शर्मा ने मंडी सदर की बजाय द्रंग से टिकट के लिए आवेदन किया है।

मंडी सदर से टिकट न मान कर उन्होंने यह भी इशारा कर दिया है कि अनिल शर्मा किसी भी समय कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार आश्रय ने अपने आवेदन में कहा है कि द्रंग के नेता एवं पूर्व मंत्री की उम्र 77 साल से भी ज्यादा हो गई है। अगर पार्टी उम्र की कोई सीमा तय करती है या कोई उम्र का फार्मूला लागू करती है जिसमें ठाकुर कौल सिंह फिट नहीं बैठते हों तो उनके नाम पर विचार हो। इसके लिए उन्होंने यह भी तक दिया है द्रंग विधानसभा क्षेत्र के इलाका स्नोर सूरथ में उनका अपना पुश्तैनी मकान है और 50 साल पुराना बागीचा भी है। यही नहीं आश्रय ने अपने बारे में कहा है कि उन्होंने पिछला लोक सभा चुनाव लड़ा था और वह हर क्षेत्र के मतदाताओं से पहचान रखते हैं। उन्हें पहचान का कोई संकट नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा है कि द्रंग के साथ उनके दादा पंडित सुख राम का गहरा रिश्ता रहा है। उनका आज भी द्रंग में एक बड़ा वोट बैंक है। उन्होंने अपने आवेदन में जोगिंदरनगर विधानसभा को भी जोड़ दिया है कि यहां से भी उनके नाम पर पार्टी विचार कर सकती है। इधर, इस बारे में जब आश्रय शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने अपनी बात पार्टी के सामने रख दी है। फैसला पार्टी को करना है। कौल सिंह बुजुर्ग हो गए हैं और अगर पार्टी उम्र को लेकर कोई नियम तय करती है जिससे कौल सिंह ठाकुर टिकट से वंचित होते हैं तो उनके यानि आश्रय के नाम पर विचार हो।

इधर, इस बारे में ठाकुर कौल सिंह का कहना है कि लोकतंत्र में टिकट मांगने का सबको अधिकार है। इस समय वह स्नोर घाटी के दौरे पर हैं, पूरे क्षेत्र का दौरा वह कर चुके हैं। द्रंग की जनता ने मन बना लिया है कि इस बार कौल सिंह को नौवीं बार विधायक बनाकर विधानसभा में भेजना है। उन्होंने कहा कि आश्रय ने यदि आवेदन किया है तो उसका उन्हें अधिकार है, मगर उम्र की बात करते हैं तो उन्हें यह भी याद रहना चाहिए कि उनके दादा पंडित सुख राम किस उम्र तक चुनाव लड़ते रहे हैं। आवेदन कोई भी करे, फैसला तो द्रंग की जनता ने करना है। आश्रय के द्रंग से टिकट आवेदन करने और इसमें कौल की उम्र का हवाला देने के घटनाक्रम से खूब राजनीतिक हलचल पैदा हुई है।

Neha

Recent Posts

हिमाचल में नक्शा पास करवाना हुआ महंगा, शुल्क में 5 गुना तक बढ़ोतरी

Himachal building map approval fees: हिमाचल प्रदेश में अब मकान या व्यावसायिक भवन निर्माण और…

2 hours ago

हिमाचल में वेस्टर्न डिस्टरबेंस :बर्फबारी और बारिश की संभावना काफी कम

Himachal snowfall forecast: हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) के सक्रिय होने का पूर्वानुमान…

4 hours ago

रोहड़ू में कार हादसा: 200 मीटर गहरी खाई में गिरी कार, एक की मौत

Rohru road accident: शिमला जिले के रोहड़ू में बीती शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा…

5 hours ago

2025 के शुभ विवाह मुहूर्त: कौन-से महीने हैं खास?

Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त के बिना किसी भी शुभ कार्य की…

6 hours ago

शनिवार का राशिफल: मेष से मीन तक, जानें आज का दिन कैसा रहेगा।

Daily horoscope 2024 : चंद्रमा की गणना और सटीक खगोलीय विश्लेषण के आधार पर शनिवार का…

6 hours ago

ध्रोबिया में सड़क निर्माण से खुशी की लहर, पूर्व विधायक काकू ने दिया विकास का संदेश

Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…

20 hours ago