प्रदेश सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों की हालत सुधारने के लाख दावे कर लें, लेकिन अस्पतालों की लापरवाही के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे। ऐसा ही एक मामला डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडीकल कॉलेज टांडा में पेश आया है।
यहां एक महिला को तीन महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पर गायनिक विभाग के डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर गलती से कोई पट्टी पेट में ही छोड़ गए। दो महीने लगातार पेट में दर्द की शिकायत पर जब महिला ने नूरपुर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाया तो महिला के पेट में पट्टी होने का खुलासा हुआ।
जिसके बाद आज जब महिला को टांडा अस्पताल लाया गया तो डॉक्टरों ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए जबरदस्ती ही महिला का दोबारा ऑपरेशन कर दिया और और पट्टी को ऑपरेशन के जरिए निकाल दिया।
महिला के पति जितेंद्र कुमार ने इस मामले में सिजेरियन डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने और उनकी पत्नी की जान खतरे में डालने के आरोप में अस्पताल के संबंधित डॉक्टर सहित स्टाफ के खिलाफ टीएमसी के प्रिंसिपल को शिकायत पत्र भेजा है।
वहीं, अस्पताल की नाकामी तीन महीने की बच्ची पर भारी पड़ रही है। जिसकी वजह से मासूम बच्ची अपनी मां के बिना बिलख-बिलख कर रो रही है।