राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय अपने दो दिवसीय प्रवास के के दूसरे दिन अटल टनल रोहतांद पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि टनल कि इंजीनियरिंग बेमिसाल है और 10000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर बनी यह विश्व की सबसे लंबी टनल है। इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण के लिए राज्यपाल ने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों और इंजीनियरों को बधाई देते हुए कहा कि इंजीनियरों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह टनल प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।
उन्होंने कहा कि सुरंग के प्रत्येक 150 मीटर की दूरी पर आपातकालीन सम्पर्क के लिए दूरभाष की सुविधा, प्रत्येक 60 मीटर में अग्निशमन यंत्र, प्रत्येक 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरों के साथ दुर्घटना की पूर्व सूचना प्रणाली (ऑटो इंसिडेंट डिटैक्शन सिस्टम), हर एक किलोमीटर पर हवा की गुणवत्ता की निगरानी, प्रत्येक 25 मीटर पर प्रकाश एवं निकासी संकेत और प्रत्येक 60 मीटर की दूरी पर कैमरे और पूरी सुरंग में प्रसार प्रणाली की सुविधा उपलब्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि इस टनल के बनने से जहां कबायली क्षेत्रों के लोगों के जीवन में बदलाव आएगा वहीं यह टनल लाहौल स्पीति और पांगी के लोगों को बारहमासी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। पहले यह क्षेत्र भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों में शेष विश्व से छह से 7 माह तक कटे रहते थे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि दो जिलों को जोड़ने वाली इस टनल के दोनों छोर पर भौगोलिक स्थितियां और मौसम बिल्कुल भिन्न है। उत्तरी छोर पर लाहौल स्पीति में प्रवेश करते ही प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि ऐसा दुर्लभ दृश्य विश्व में शायद ही कहीं और देखने को मिले। राज्यपाल ने अटल टनल के दक्षिणी छोर पर सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ बातचीत की और टनल के बारे में जानकारी हासिल की। इससे पूर्व, राज्यपाल ने मनाली के डूंगरी में हिडिम्बा देवी मंदिर में शीश नवाया और पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। राज्यपाल ने माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर नगर का भी दौरा किया।