पूरे भारत का सुप्रसिद्ध दंगल सिद्ध पीठ बाबा क्यालू जी महाराज गंगथ का दूसरे दिन का दंगल आज महिला पहलवानों के नाम रहा। इस महिला दंगल में राष्ट्रीय स्तर के साथ अन्तराष्ट्रीय स्तर की महिला पहलवानों ने भाग लिया। अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर महिला पहलवानों ने दिखा दिया कि वो किसी भी स्तर पर पुरुषों से कम नहीं है|हर साल आयोजित होने वाले इस दंगल में कमेटी जहाँ पहले तीन दिन तक दंगल का आयोजन करती थी वहीँ इस बार कमेटी ने चार दिन के दंगल का आयोजन करने का निर्णय लिया था। पहले दिन जहाँ क्षेत्रीय स्तर तक पहलवानों ने अपने जौहर दिखाए वहीं दूसरा दिन महिला पहलवानों के नाम रहा।
गौरतलब है कि गंगथ कस्बे में स्थापित बाबा क्यालू जी महाराज के प्रति जनता की अपार श्रद्धा है और इसी का परिणाम है कि लाखों रूपये के इनाम और धन राशि पहलवानों में बांटी जाती है। वहीं, इस कस्बे के बर्तन जिनमें बल्टोईयां, गागरें और सैंकड़ों की संख्या में पीतल और स्टील की बाल्टियां पहलवानों में बांटी जाती है। बड़े और अंतिम दंगल में कमेटी तीन कारें और ग्यारह मोटरसाइकल पहलवानों को इनाम स्वरूप देगी। महिला दंगल में भी कमेटी ने विजेता पहलवान को मोटरसाइकल एक पीतल की बल्टोई और गुर्ज देकर सम्मानित किया। इस दंगल में कॉमनवेल्थ और कई अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व और देश के लिए पदक लाने वाली महिला पहलवानों ने भाग लिया।
वहीं, इस दंगल का फाइनल मैच अन्तराष्ट्रीय पहलवान गुरशरन कौर पंजाब पुलिस जालन्धर और सुदेश पहलवान रोहतक के बीच हुआ। कांटे की इस कुश्ती में गुरशरन कौर ने सुदेश को पटखनी देकर भारत केसरी के इस फ़ाइनल मैच पर कब्जा जमाया।
कमेटी की तरफ से विजेता पहलवान गुरशरन कौर को मोटरसाइकल, बल्टोई, गुर्ज और इनाम राशि से नवाजा गया। कमेटी प्रधान राजेश भल्ला की माने तो इस महिला दंगल के करवाने का उदेश्य बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष विजेता महिला पहलवान को मारुती कार इनाम में दी जायेगी।
वहीं, दंगल विजेता गुरशरन कौर ने अपनी जीत पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस दंगल में अन्तराष्ट्रीय स्तर के मापदंड थे। उन्होंने कहा कि आज के जमाने में लडकियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरुषों को चाहिए कि अपनी बेटियों को घरों में बैठाने की बजाये उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करे। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाओं का बोलबाला है और आज की महिला पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चलती है