सावधान, कहीं आप भी अपने बच्चे को कॉटन कैंडी तो नहीं खिला रहे। दरअसल इस कॉटन कैंडी में हानिकारक माने जाने वाले कलरिंग मैटीरियल पाए जाने की पुष्टि हुई है। कॉटन कैंडी में पाया जाने वाला ‘रोडामाइन बी’ सिंथेटिक डाई है, जो गुलाबी या गहरा लाल रंग देता है. यह केमिकल कपड़ा, कागज और चमड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.
इसका खुलासा तब हुआ जब नगर निगम सोलन के खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर भर से आई कैंडीज के सैंपल भरे। हैरानी वाली बात यह है कि सफेद रंग की कैंडी को छोड़कर सभी कैंडी के सैंपल फेल हो गए। खाद्य सुरक्षा विभाग सोलन के सहायक आयुक्त डॉ. अतुल कायस्था का कहना है कि सात रंगों की कैंडीज के सैंपल को कंडाघाट के सीटीएल लैब में भेजा गया जिसमें सफेद कलर की कैंडीज को छोड़ सभी के सैंपल फेल हो गए। फिलहाल फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…
Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…
Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…