हिमाचल प्रदेश में बहुत सी फार्मा कंपनियां बद्दी, नाहन ,पौंटा साहिब में काम कर रही हैं । इन कंपनियों में बहुत सी ऐसी कंपनियां भी हैं जो कि रेगुलेटरी फार्मास्यूटिकल के रूप में रजिस्टर्ड है । रेगुलेटरी का मतलब होता है जो कंपनी भारत में नहीं बल्कि विदेश में दवाइयां बनाकर भेज रहे हैं । इन दिनों कोरोनावायरस को लेकर एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में लॉक डाउन है । केवल इमरजेंसी सर्विस ही खुले हैं या चल रहे हैं ।
अब सवाल ये है कि ये जो कंपनियां अभी काम कर रही हैं वो किस कानून के तहत काम कर रही है । कहीं ऐसा तो नहीं है कि सरकार के नियमों को तोड़ मरोड़ कर पेश करके कंपनियों के मालिक अपनी इन फैक्ट्रियों चला रहे हैं ।
क्योंकि ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश में एक कंपनी को लेकर भी हुआ है जो की सारी प्रोडक्शन विदेश के लिए करती है । इसी तर्ज पर हिमाचल में भी बहुत सी कंपनियां रजिस्टर्ड है जो कि दवाई विदेश सप्लाई करती है । एक ओर सवाल काफी अहम है कि इन कंपनियों में हजारों की संख्या में लेबर कहां से आ रही है।
हालांकि औद्योगिक क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है ।शुक्रवार को बद्दी में एक महिला की मौत हुई है और उस कंपनी से संबंधित अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है । वहीं, इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला प्रदेश के हितों से जुड़ा हुआ है और तकनीकी रूप से पूरी जानकारी हासिल की जारी है ।
उन्होंने कहा कि अगर यह एक्सपोर्ट हाउस इस तरह से चल रहे हैं और भारत में इनकी दवाइयों का कोई लेना देना नहीं है तो इस विषय को लेकर जरूर सरकार गंभीरता से निर्णय लेगी । वहीं सूत्रों की माने तो इन में कुछ कंपनी अपनी स्किन सेव करने के लिए मुख्यत एक्सपोर्ट का ही काम कर रही है । लेकिन एक्शन से बचने के लिए लोकल लेवल पर भी सप्लाई कर रही हैं । हिमाचल में करीब 160 कंपनी who के अंडर पंजीकृत हैं, जो की एक्सपोर्ट का काम भी कर रही है ।