अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 26 और 27 फरवरी को भारत और श्रीलंका के बीच दो टी-20 मैच खेले जाने हैं। मैच के दौरान बारिश का खलल न पड़े इसी को लेकर शनिवार को HPCA के पदाधिकारी खनियारा स्थित भगवान इंद्रू ना की शरण में पहुंचे और मंदिर में विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर मैचों के सफल आयोजन का आशीर्वाद मांगा। इसके साथ ही यहां गुरखेल और भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।
भगवान इंद्रुनाग को बारिश का देवता भी कहा जाता है। इसलिए स्टेडियम में आयोजन से पूर्व एचपीसीए को भगवान इंद्रुनाग का आशीर्वाद लेना ही पड़ता है। धर्मशाला में आयोजनों से पहले भगवान श्री इंद्रू नाग देवता की पूजा अर्चना होती है। गुर के खेलपात्र से मौसम की भविष्यवाणी होती है और पता चलता है कि आयोजन के दिन मौसम के क्या तेवर रहेंगे। मन्नत मांगने और प्रार्थना से श्री इंद्रूनाग देवता भक्तों की मन्नत मानते हैं और उनके आयोजन में खलल नहीं डालने देते।
यहां मौसम को लेकर विशेषज्ञ भी फेल हैं। विभिन्न साइटों और गूगल में बेशक जोरदार बारिश बताई हो, लेकिन नाग देवता ने आदेश आयोजकों को आयोजन के सफल होने का दिया हो तो मौसम पूरी तरह से साफ रहता है। ऐसे कई उदाहरण है जो यहां के लोगों के साथ हो चुके हैं। यही नहीं हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन धर्मशाला में बडे मैचों के आयोजन में देव का कमाल देख चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर टी-20 मैच के आयोजन के दौरान बीसीसीआइ कोषाध्यक्ष अरूण धूमल धर्मशाला में होंगे। वहीं एचपीसीए के पूर्व अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का चुनावों के चलते इन मैचों के दौरान धर्मशाला में आने का संशय बना हुआ है।
भारत-श्रीलंका के बीच खेले जाने वाले टी-20 मैच बायो बबल प्रारूप के तहत आयोजित किए जाएंगे। धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में 26 और 27 फरवरी को खेले जाने वाले टी-20 मैच के लिए टीमें 25 फरवरी को धर्मशाला पहुंच जाएंगी। स्टेडियम में बैठकर दर्शक इस मैच का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे। वहीं, खिलाडिय़ों को भी बायो बबल प्रारूप का पूरा अनुसरण करना होगा। इसके लिए एचपीसीए प्रबंधन द्वारा व्यवस्थाओं को पूरा किया जा रहा है। ऐसे में होटल और स्टेडियम में खिलाडिय़ों के संपर्क में आने वाले पूरे स्टाफ का कोविड-19 टेस्ट किया जाएगा। व्यवस्थाओं के लिए तैनात होने वाला स्टाफ भी खिलाडिय़ों के धर्मशाला पहुंचने से पहले ही बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं जा पाएंगे। इस स्टाफ के ठहरने के लिए भी एचपीसीए की ओर से व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा धर्मशाला में पहुंचने के बाद खिलाड़ी भी बाहर नहीं जा सकेंगे। आइसीसी और बीसीसीआइ की गाईडलाईन के अलावा प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की पालना भी सुनिश्चित की जाएगी।