जिला कुल्लू में आने वाले दिनों में अगर जमकर बारिश लगातार होती है तो ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से यहां एक बार फिर बेली ब्रिज को खतरा पैदा हो सकता है। इसके संकेत स्वयं पीडब्ल्यूडी ने भी दे दिए हैं। विभाग ने बाकायदा उपायुक्त कुल्लू डा ऋचा वर्मा को पत्र लिखा है कि नगर परिषद की वार्ड-एक में पार्किंग के काम के दौरान नदी का रुख दूसरी और कुछ जगह पर किया गया, लेकिन पार्किंग तैयार होने के बाद भी पानी का रुख अपने स्थान पर नहीं किया गया।
ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने पर और बाढ़ के कारण से एक बार फिर बेली ब्रिज को खतरा हो सकता है। पिछले दिनों ब्यास नदी में बढ़े पानी के बाद से लोक निर्माण विभाग भी चिंता में है। इसके चलते उपायुक्त से निवेदन किया गया है कि नगर परिषद को आदेश किया जाए कि वह नदी की स्थिति को पहले जैसा करे, ताकि बेली ब्रिज को ब्यास नदी का पानी बढ़ने से कोई खतरा न रहे।
यही नहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयो की मानें तो बेली ब्रिज को अगर नुकसान होता है तो साथ ही अखाड़ा बाजारा ट्रक यूनियन कार्यालय तक खतरा बन सकता है। गौर रहे कि पहले भी बेली ब्रिज बाढ़ की भेंट चढ़ चुका है, जहां पर करोड़ों खर्च किए गए थे। वहीं, दोबारा तैयार करने में भी विभाग को काफी धन खर्च करना पड़ा था। अगर इस बार भी जलस्तर बढ़ने से बेली ब्रिज को नुकसान पहुंचा तो विभाग को तीसरी बार ब्रिज पर धनराशि खर्च करनी पड़ेगी। बता दें कि वार्ड-एक में तैयार की गई पार्किंग करीब दो करोड़ से अधिक लागत में तैयार की गई है। पार्किंग को बनाने को लेकर भले ही पानी का रुख हल्का सा बदला हो, लेकिन इससे कहीं न कहीं अब बेली ब्रिज को खतरा बना हुआ है।
वहीं, अधिशाषी अभियंता लोनिवि कुल्लू एसके धीमान का कहना है कि नगर परिषद के कार्य के चलते बेली ब्रिज को खतरा बना है। जिसे लेकर उपायुक्त को पत्र विभाग की और से लिखा गया है। गोपाल कृष्ण ने कहा कि उन्होंने ठेकेदार को नोटिस भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर किसी तरह का कोई नुकसान होता है कि तो इसकी भरपाई उसे भी करनी होगी। उन्होंने कहा कि जल्द की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। गौर रहे कि जिला कुल्लू में बरसात के मौसम में बारिश के कारण ब्यास नदी उफान पर रहती है। ऐसे में नदी किनारे कई मकानों को भी खतरा बना हुआ है।