भामस ने सरकार पर आरोप लगाए है कि सरकार पिछले चार साल से आश्वाशन पे आश्वासन दिए जा रही है। अब हमें सरकार पर कोई विश्वास नहीं रहा। यह आरोप इन्होंने फतेहपुर मे हुए आशा वर्कर त्रेवार्षिक अधिवेशन के समापन के दौरान कार्यक्रम स्थल के प्रागंण में कहे।
उन्होंने कहा कि मंत्री जी ने जो उत्तराखंड की तर्ज पर आशा वर्कर्स को वेतन देने की बात कही है उस पर हमें जरा भी विश्वास नहीं हैं । भामस मौजूद प्रदेश सरकार को अपना अभिन्न अंग मान कर चलती है लेकिन धरातल में भामस एक राष्ट्रीय स्तर का संघठन है ना कि किसी पार्टी अंग। भामस का किसी भी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। सरकार पर फूल बरसाने का समय अब गया। अब भामस आर-पार की लड़ाई लड़ेगा।
भामस जिला महामंत्री मुकेश ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल हमारी मांगों को मानेगा भामस उसका साथ देगा। अगर सरकार भामस से जुड़े कर्मचारियों की मांगों को नहीं मानेगी तो 2022 में सरकार को इसका जवाब दिया जाएगा। सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। ईपीएफ के नाम पर हमारे छत्तीस रुपए काटे जा रहे हैं जिसका कोई अता पता नहीं।
हमारे एरियर के पच्चीस रुपए बड़े वो भी सरकार खा गई। आज दिन तक हमें उसका कोई पता नहीं । मजदूरों को सरकार आज पीस रही है । अब सरकार पर फूल बरसाने का समय गया अब तो सरकार से आरपार की लड़ाई होगी। अगर सरकार चाहे तो मजदूर संघ की मांगों को मान सकती है इसका वित्तीय भार सरकार पर एक समंदर से एक गिलास पानी निकालने के बराबर है। अब भामस उसी दल का साथ देगी जो भामस से जुड़े कार्यकर्ताओं की मांगों को मानेगी।