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बेरोजगारों से भद्दा मजाक, कमीशन पास करने के बाद भी भाषा अध्यापकों को नौकरी क्यों नहीं?

पी. चंद |

देश और प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है लेकिन बावजूद इसके कमीशन पास करने के बाद भी नियुक्ति न मिलना सरकार और विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल है। प्रदेश में कमीशन पास करने के बाद भी नौकरी न मिलने से सैकड़ों भाषा अध्यापक परेशान हैं।

शिक्षा विभाग की लापरवाही इन भाषा अध्यापकों पर भारी पड़ रही है और अब स्कूलों में पिछले दो माह से इन्हें नियुक्ति ही नहीं मिल पा रही है। 200 भाषा अध्यापक ऐसे हैं, जिन्होंने हाल ही में कमीशन की परीक्षा पास की है, लेकिन अब स्कूलों में पद खाली न होने के कारण इन्हें नियुक्ति ही नहीं मिल रही है। 12 जिलों में से केवल चार जिलों में ही 29 भाषा अध्यापकों की नियुक्ति हो पाई है और बाकि बचे अध्यापकों की नियुक्ति कब होगी, इस बारे अभी कोई भी स्पष्टीकरण नहीं है।

कमीशन पास करने वाले रुद्रमणि ने कहा कि नियुक्ति न मिलने पर परीक्षा पास कर चुके लोगों में भारी रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि कमीशन पास करने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है और उन्हें इसके लिए मुख्यमंत्री से मिलना पड़ रहा है। परीक्षा परिणाम 12 नवंबर, 2021 को घोषित किया गया था। उसके बाद केवल चार जिलों में लोंगों को नियुक्ति दी गई है जबकि 8 जिलों में परीक्षा पास करके भी भाषा अध्यापक नियुक्ति के लिए तरस रहे हैं।