जिला मंडी में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक औऱ वर्तमान सरकार में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह के बेटे और भाजपा युवा मोर्चा के राज्य महासचिव रजत ठाकुर द्धारा श्रम अधिकारी मंडी के कार्यालय में गत दिनों कार्यरत महिला कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार किया। उन्हें इतना धमकाया कि वे मंत्री के बेटे के इस व्यवहार से आहत होकर रोती रहीं। इस सारी घटना का वीडियो सीटू मज़दूर संगठन के पास बतौर सबूत मौजूद है। इसमें मंत्री के बेटे ने अपने साथ कुछ अन्य गुंडा तत्वों को धर्मपुर से ले जाकर मंडी लेबर ऑफ़िस में महिला कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया और उन्हें सरेआम धमकियां दी।
महिलाओं को रोता देख दूसरे कमरों में बैठे श्रम अधिकारी और श्रम निरिक्षका मौक़े पर पहुंचे। लेक़िन मंत्री के बेटे ने उन्हें भी खरी-खोटी सुनाई और कुर्सी पर बैठकर उन्हें सभी काम उनके कहे अनुसार करने के आदेश दिए। इसमें मंत्री के बेटे ने धर्मपुर विकास खंड में मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिल रही सहायता के बारे में सीटू से जुड़ी यूनियन का काम रोकने के लिए कर्मचारियों पर दबाव डाला और सभी लाभ उनसे चर्चा करने औऱ उनकी पार्टी के प्रधानों के कहे अनुसार ही जारी करने के लिए निर्देश जारी किए। ऐसा न करने पर लेबर आफ़िस के पूरे स्टाफ़ को बदलने की धमकियां भी दी गई।
इतना ही नहीं राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की दो महिला कर्मचारियों में से एक को चंबा और दूसरी को सिरमौर ट्रांसफर करने की धमकियां दी और उन पर और कई तरह के झूठे इल्ज़ाम भी लगाये। जिस कारण वे दोनों महिलाएं कार्यालय में रोती रही औऱ मंत्री का बेटा वहां सरेआम ये गुंडागर्दी करता रहा। ये कारनामा उसने श्रम अधिकारी औऱ श्रम निरीक्षक की मौजूदगी में किया है जो वीडियो में सब रिकार्ड है। धर्मपुर न्याय मंच औऱ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी धर्मपुर कमेटी पिछले कई महीनों से ये बात उठा रही है। धर्मपुर में मंत्री का बेटा अघोषित तौर पर विधायक की भूमिका निभा रहा है। जो मंत्री के स्थान पर सड़कों के उदघाटन करता है, रसोई गैस के कनेक्शन बांटने का काम करता है, स्कूलों के समारोह, कृषि और बागवानी विभागों के समारोह में मुख्यथिति बना होता है। मनरेगा मज़दूरों को बोर्ड से मिलनी वाली सहायता वितरित करता है। लोक निर्माण के सभी ठेकों का आबंटन और पानी की पाईपों का वितरण भी उसी के कहने पर होता है औऱ कर्मचारियों के तबादले भी करता है। लेकिन अब तो सरेआम दफ्तरों में जाकर कर्मचारिओं और अधिकारियों को धमकाने का काम भी शुरू कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश के तथाकथित स्वच्छ छवि वाले और युवा मुख्यमंत्री मंत्री महेंद्र सिंह और उनके बेटे की इन सभी गतिविधियों के बारे में जानते हुए भी इन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं या सुपर मंत्री के दबाब में ये सब मज़बूरी में सहन कर रहे हैं। ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि वे और उनका संग़ठन पिछले पांच साल से धर्मपुर खण्ड के छह हज़ार मनरेगा मज़दूरों को बोर्ड का सदस्य बना चुका है और अभी तक दस करोड़ रुपये के लाभ मजदूरों को दिला चुका है। लेकिन मंत्री और उनका बेटा इस सबसे से परेशान होकर बोर्ड के कर्मचारियों को ये सब करने से रोकने के लिए इस तरह की गुंडागर्दी करने पर आ गए हैं। उन्होंने बताया कि वीडियो में मंत्री के बेटे ने मेरा नाम लेकर जो टिपणियां की हैं, वे उसके ख़िलाफ़ न्यायालय में उनके ख़िलाफ़ मानहानि केस दायर करेंगे। सीटू से संबंधित मनरेगा मज़दूर यूनियन धमपुर मंत्री के बेटे की इस हरक़त के ख़िलाफ़ तुरन्त मुख्यमंत्री से कार्यवाई करने की मांग करते हैं और इस गुंडागर्दी पर रोक लगाने और स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कार्यालय का काम सुनिश्चित करने की मांग करती है। धर्मपुर में फैले जंगलराज औऱ परिवारराज को रोकने की भी मांग करती है।