आलू के भंडारण में केंद्रीय आलू अनुसंधान, शिमला के वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल की है। सीपीआरआई के वैज्ञैनिकों ने खाद्य तेल के छिड़काव से आलुओं को आठ महीने तक संचय कर रख सकते हैं।
इस नई निजात की गई विधि से आठ महीने तक ना अंकुर आएंगे और ना ही स्वाद खराब होगा। विधि को निजात करने के बाद अब वैज्ञानिकों ने इसका पेटेंट कराने के लिए आवेदन भी कर दिया है। इस स्प्रे के और क्या फायदे हो सकते हैं इसका भी अध्ययन अभी चल रहा है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि आलू को सिर्फ 40 दिनों तक संचय किया जा सकता है। पर इस स्प्रे से खाने और बीज के आलू दोनों को ही आठ महीने तक भंडारण किया जा सकता है। इस विधि से एक किलो भंडारण का खर्च डेढ़ रुपये प्रति किलो आएगा।
आपको बता दें कि अभी आलू के भंडारण में उपयोग किये जाने वाले रसायन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं। इसके चलते कई देशों ने इन रसायनों के छिड़काव पर प्रतिबंध लगाया है।