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प्रशासन की मिलीभगत से बड़ा घोटाला, किसानों को नहीं दिया ज़मीन का मुआवजा

पी. चंद, शिमला |

बिलासपुर में ज़बरन टावर लाइन बिछाने के चलते स्थानीय लोगों ने प्रशासन और कंपनी पर आरोप जड़े हैं। टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के माध्यम से लोगों ने आरोप लगाया है कि रिलायंस कंपनी ने स्थानीय लोगों की अनुमति के बग़ैर ही टावर लाइन बिछाई है। जब इसका मामला दर्ज करवाया गया तो जांच के तौर पर प्रशासन की ओर से भी ग़लत रिपोर्ट पेश कर दी गई। इसमें एसडीएम ने जानबूझ कर ग़लत रिपोर्ट सौंपी है औऱ कंपनी से रिश्वत ख़ाई है। पुलिस ने कंपनी की लाइन बिछाने में ज़बरन मदद की है।

मंच ने कहा कि अभी तक कोर्ट में मामला विचाराधीन है और जो रिपोर्ट एसडीएम द्वारा सौंपी गई वे ग़लत तरीके से बनाई गई है। कंपनी ने न तो ज़मीन पर टावर लगाने और तारें लगाने का पैसा दिया औऱ न ही उचित मुआवज़ा मालिकों को मिला है। ग़ैरकानूनी तरीके से टावर लगाया गया जिसमें लोगों को काम देने को तो कहा गया है, लेकिन अभी उसकी भी कोई गारंटी नहीं है।

मंच के अध्यक्ष रजनीश शर्मा ने बताया कि टावर लाइन लगाती बार भी लोगों ने इसका विरोध किया लेकिन पुलिस ने जबरन टावर लाइन लगवा दी। प्रशासन और पुलिस ने इसमें कंपनी की सहायता की। इस लाइन से करंट भी आया। इस मामले को 2017 में जयराम ठाकुर ने भी विधानसभा में उठाया गया था। इन विषय को लेकर सरकार को ज्ञापन भी दिए लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंच ने कानूनी तरीक़े से इस पर काम करने की मांग उठाई है। मंच ने समूचे मामले की सीबीआई जांच की मांग उठाई है।