हिमाचल प्रदेश की जन समस्याओं को लेकर हिमाचल किसान एव जन कल्याण सभा हिमाचल प्रदेश की बैठक राज्य स्तरीय सभा के प्रदेशाध्यक्ष बृज लाल शर्मा की अध्यक्ष्ता में सभा के कार्यलय घुमारवीं में हुई। मुख्य समस्याओं में आवारा पशुओं, जंगली जानवरों औऱ बन्दरों के बारे में, किसानों की भूमि का बंदोबस्त औऱ टेलाबन्दी करवाने के बारे में, टीसीपी एक्ट जैसे कानून को ही ग्रामीण गांवोमें किये गये लागू को तुरन्त वापिस ले, प्रत्येक वर्ष किसान अपनी फसल का बीमा करवाते है। लेकिन जब किसी आपदा से औऱ जंगली जानवरों द्वारा फसल तबाह होती है तो उन्हें बीमा की हुई फसल का कोई लाभ नहीं मिलता है। इसलिए यह प्रवाधान किया जाये कि इसमें जिस क्षेत्र में और जिस किसान की फसल आपदा से जंगली जानवरों द्वारा तबाह की जाती है। तो उसका आकलन करवा के किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।किसानों की फसल सुरक्षा के लिये बंदूक लाइसेंस की नवीकरण फीस 1600 रुपये की शीघ्र वापिस ले, बिजली उपभोगताओं से बिजली बिल के नाम पर अतिरिक्त वसूली और बार-बार मीटर चार्ज को रोका जाए, हिमाचल में सीमेंट के दामो को घटाया जाए। क्योंकि दूसरे राज्यों में सीमेंट के दाम हिमाचल की अपेक्षा कम है।
हिमाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन हो रहा है। लेकिन हिमाचल के विधुत उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली मिल रही है। दिल्ली जैसे राज्य की तर्ज पर हिमाचल के लोगो को भी 200 यूनिट बिजली फ्री दी जाये। आगामी बैठक 6 मार्च को रखी गई है। जिस बैठक में कार्यकारिणी का विस्तार भी होगा और आंदोलन की तैयारी की जायेगी। समस्याओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष एव संघर्ष शील कर्मठ युवा किसान नेता बृज लाल शर्मा ने कहा कि किसानों की दशा इतनी दयनीय है कि जो किसान देश और प्रदेश में आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते है। ना ही बेसहारा पशुओ का आज दिन तक कोई प्रबन्ध किया गया। जो किसानों की फसल को दिन प्रतिदिन उजाड़ने में कोई कसर नहीं रख रहे हैं और जान लेवा हमले कर रहे है। कई लोगो को घायल और कई को मौत के घाट भी उतार भी दिया गया है।
लेकिन अभी तक इन अवारा पशुओं का हल कोई नहीं निकला है। अगर इन आवारा पशुओं का हल शीघ्र नहीं किया गया तो बहुत बड़ा जन आंदोलन होगा। हैरान होने का पहलू है कि 18 बर्षो से घुमारवीं सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन बन्द कमरे में पड़ी है। लेकिन किसी भी राजनैतिक पार्टी ने चाहे कोई भी हो। इसे चलाने के लिये रेडियोलॉजिस्ट का प्रबंध नहीं किया गया। इन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र केवल मात्र औपचारिकता ही रह गई है। किसानों की समस्याओं और बेरोजगारों युवाओं के बारे में कोई चर्चा नहीं। केवल अपने ऐशो आराम कर रहे है। जनता की कोई परवाह नही है।