बिलासपुर में आईपीएच विभाग में ठेकदारों के अधीन विभिन्न पेयजल स्कीमों पर कार्यरत्त वर्करों ने प्रदेश सरकार के विरुद्ध रोष रैली निकाली । वर्करों ने प्रदेश सरकार पर अपने चहेतों को रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाया है। वर्करों ने बताया कि प्रदेश सरकार बैकड़ोर एन्ट्री से पुराने कर्मियों को हटाकर उनके बदले में अपने चेहतों को रख रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से की मांग आउट सोर्सिंग के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती तुरंत प्रभाव से बंद करें नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा ।
वर्करों का कहाना है कि बिलासपुर में जो आईपीएच विभाग की स्कीमें ठेकेदारों को आबंटित की थी उन पर जो कर्मचारी लगाए गए थे उनको वर्तमान प्रदेश सरकार एक बड़े षड्यंत्र के तहत एक-एक कर निकालने की रणनीति बनाकर काम कर रही है जो कई सालों से कार्यरत्त कर्मियों के मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि प्रदेश बीजेपी सरकार अपने चेहतों को पिछले चोर दरवाजे से नौकरी पर लगा सके। उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेश सरकार इस बात को भूल जाए मजदूर संगठन इंटक किसी भी सूरत में ऐसा नहीं होने देगी।
वर्करों ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में आउटसोर्स आधार पर कर्मियों की भर्ती बंद करे। साथ ही यह भी मांग की है कि बिलासपुर में आईपीएच विभाग ठेकदारों के अधीन विभिन्न पेयजल स्कीमों पर कार्यरत्त वर्करों को वरिष्टता के आधार पर नियमित रूप से रोजगार दें। अन्यथा मजदूर इंटक बड़ा आन्दोलन करने से कोई गुरेज नहीं करेगी जिसके प्रति आई पीएच विभाग सहित प्रदेश बीजेपी सरकार उत्तरदाई होगी। इस अवसर पर आईपीएच विभाग ठेकदारों के अधीन विभिन्न पेयजल स्कीमों पर कार्यरत्त वर्करों ने भाग लिया।