हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से लेह तक बनने वाली रेललाइन का सर्वे पूरा हो चुका है। इसकी जानकारी रेलवे अधिकारियों ने बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रैस कॉन्फ्रेंस में दी। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 83 हजार 360 करोड़ की लागत का अनुमान है।
इस प्रोजेक्ट का निर्माण कई मायनों में देश के लिए महत्वपूर्ण है। बिलासपुर से शुरू होने वाली इस रेल लाइन पर दुनिया का सबसे ऊंचे ट्रैक में से एक होगी। चीन की तिब्बत में बिछाई गई रेल लाइन भी इससे नीचे होगी। इस रेललाइन की सबसे खास बात ये होगी की देश में पहली रेल लाइन होगी जिसमें अंडर टनल रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा, जो कि लाहौल स्पीति के केलांग में निर्मित किया जाएगा।
465 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर 244 किलोमीटर तक सुरंगे बनेंगी. कुल 74 टनल्स में से सबसे लंबी टनल 27 किलोमीटर की रहेगी. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बिलासपुर से लेह तक 30 रेलवे स्टेशन बनाएं जाएंगे। इस रेल मार्ग पर 124 बड़े पुल और 396 छोटे पुलों का निर्माण होगा।
इस रेललाइन के बनने से दिल्ली से लेह तक जाने के लिए 20 घंटे की बचत होगी। वर्तमान में सड़क मार्ग से दिल्ली से लेह जाने के लिए करीब 36 घंटे लगते हैं। ये रेललाइन सेना के हिसाब से भी अहम साबित होगी। सेना को लेह तक चीन बॉर्डर तक पहुंचने में आसानी रहेगी। सामरिक दृष्टि से यह मार्ग सेना के लिए काफी अहम है।
अंतिम सर्वेक्षण 30 महीने में पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। नार्दन रेलवे के जीएम विश्वेश चौबे ने बताया कि कुछ स्टेशनों का निर्माण डिफेंस के मुताबिक भी कुछ स्टेशनों का होगा। यह दुनिया की सबसे ऊंची (5360 मीटर) रेलवे लाइन होगी।