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जिला सुशासन सूचकांक में बिलासपुर रहा प्रथम, CM ने पहले 3 स्थानों पर आए जिलों को दिया पुरस्कार 

डेस्क |

बिलासपुर जिला ने हिमाचल प्रदेश जिला सुशासन सूचकांक वार्षिक रिपोर्ट- 2019 में व्यापक सात विषयों, 18 केन्द्र बिन्दुओं और 45 संकेतकों पर 75.8 प्रतिशत आंकडे़ हासिल कर 50 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। मंडी जिले ने 70.2 प्रतिशत हासिल कर 35 लाख रुपये का दूसरा पुरस्कार और हमीरपुर जिले ने 64.5 प्रतिशत हासिल करके 25 लाख रुपये का तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया है। जिला सुशासन सूचकांक (एचपीडीजीजीआई) की वार्षिक रिपोर्ट-2019 जारी होने के अवसर पर आयोजित समारोह में जिला बिलासपुर की ओर से उपायुक्त राजेश्वर गोयल, मंडी जिला की ओर से उपायुक्त रूगवेद ठाकुर और जिला हमीरपुर की ओर से उपायुक्त ऋषिकेश मीणा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया। यह दस्तावेज हिमाचल प्रदेश सरकार के आर्थिकी और सांख्यिकी विभाग द्वारा तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आर्थिकी और सांख्यिकीय विभाग द्वारा जिला सुशासन सूचकांक की दूसरी रिपोर्ट 12 जिलों के माध्यमिक आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है, जो सभी के तुलनात्मक प्रदर्शन का आकलन करने के लिए व्यापक सात विषयों, 18 केंद्र बिंदुओं और 45 संकेतकों के आधार पर पर एकत्रित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका उद्देश्य ई-गवर्नेंस के आज के युग में प्रक्रियाओं को सरल बनाना, पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाना, सभी नागरिकों को आवश्यकता आधारित, गुणवत्ता और समय पर सूचना उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार राज्य के विभिन्न विभाग कई ई-गवर्नेंस पहल को कार्यान्वित कर रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों को पब्लिक अफेयर सेन्टर (पीआईए) बेंगलुरु द्वारा मान्यता दी गई है और इसने वर्ष 2017-18 में 12 छोटे राज्यों में हिमाचल प्रदेश को पहले स्थान तथा वर्ष 2019 में दूसरे स्थान से पुरस्कृत किया है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने विभिन्न क्षेत्रों में शासन की गुणवत्ता को आंकने का कार्य आरम्भ किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आम लोगों का कल्याण हमेशा से प्रदेश सरकार की प्राथमिकता रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि सात व्यापक विषय-वस्तु- अधोसंरचना एवं मानव विकास, सामाजिक संरक्षण, महिलाएं एवं बच्चे, अपराध एवं कानून व्यवस्था और पर्यावरण पारदर्शिता और जवाबदेही आदि विषय शामिल हैं।