मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने आज यहां कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव की नियुक्ति नियमों के अनुसार की गई हैं। सीपीएस का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और प्रदेश सरकार न्यायालय के समक्ष इन नियुक्तियों के पक्ष में मजबूती से अपना पक्ष रख रही है। भाजपा को उच्च न्यायालय के निर्णय आने तक इन नियुक्तियों को असंवैधानिक करार देने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि जहां तक सवाल नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर का है, वह लोकसभा चुनावों के दौरान बार-बार 4 जून को केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने और राज्य में कांग्रेस सरकार के गिरने का का दावा कर रहे थे, जो विफल हो गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में छः विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में चार सीटें जिताकर भाजपा की खरीद फरोख्त की राजनीति को प्रदेश की जनता ने पूर्णता नकार दिया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के बाद सदन मंे विधायकों की संख्या 38 होने के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस सरकार और मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर ने जिन लोगों के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रची थी, उन 6 लोगों में से 4 लोगों को मतदाताओं ने नकार कर धनबल की राजनीति के पक्षधरों को करारा जवाब दिया है। हिमाचल के लोग इस तरह की राजनीति पसंद नहीं करते है। जनता पांच साल के लिए अपने प्रतिनिधि को सम्बंधित क्षेत्र के हितों की पैरवी करने के लिए विधानसभा में भेजती है और निजी लाभों के लिए अपनी सदस्यता को दाव पर लगाना जनता के साथ धोखा है।
नरेश चौहान ने कहा कि जय राम ठाकुर की ऐसी क्या महत्वाकांक्षाएं हैं जिनके चलते वह सरकार को गिराने के सपने देख रहे हैं। क्या नेता प्रतिपक्ष लोकतंत्र पर विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर द्वारा नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को बचाने के लिए यह सारा ड्रामा रचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले कहा जा रहा था कि 4 जून को सरकार गिरा दी जाएगी, लेकिन वह तारीख बीते एक हफ्ते से अधिक समय हो चुका है और सरकार पहले से अधिक स्थिरता के साथ जनकल्याण के कार्यों के प्रति समर्पित होकर कार्य कर रही है। उपचुनावों में चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत कर सरकार और अधिक मजबूत हुई है और मतदाताओं के निर्णय से यह स्पष्ट है कि वह प्रदेश में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में दृढ़ विश्वास रखते हैं।
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर बार-बार दोहरा रहे हैं कि वह सरकार को गिरा देंगे, जबकि संख्या बल के हिसाब से प्रदेश सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है। उन्होंने कहा कि आज विधानसभा में भाजपा के पास केवल 27 विधायक हैं और कांग्रेस 38 विधायकों के साथ बहुमत में है। आगामी उपचुनावों में भी प्रदेश सरकार तीनों सीटों पर विजय हासिल कर विधानसभा में 41 विधायकों के साथ बहुमत में होगी। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह पहली बार हुआ होगा कि निर्दलीय विधायकों ने त्यागपत्र दिए हैं, जबकि निर्दलीय विधायक मुद्दों के अनुसार पक्ष या विपक्ष का साथ दे सकते हैं। त्यागपत्र के पीछे निर्दलीय विधायकों की मंशा भी संदेह के घेरे में है और इस कारण दोबारा चुनाव होने की स्थिति में एक ओर विकासात्मक गतिविधियां रुकी हैं तो वहीं राज्य पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर जितना चाहे धनबल का प्रयोग कर लें, उन्हें अपनी सरकार बनने की सम्भावनाओं के लिए वर्ष 2027 तक इंतजार करना होगा। भाजपा के भीतर नेतृत्व की लड़ाई चल रही है, जिसमें प्रदेश पार्टी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अपना-अपना वर्चस्व बचाने में लगे हैं। अब तो अनुराग ठाकुर को भी केंद्रीय मंत्रिमण्डल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिस कारण वह भी प्रदेश की राजनीति में अपना भविष्य तलाशने लगे हैं। इसका दबाब भी जय राम ठाकुर की बौखलाहट में दिखाई पड़ता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार जनता से किए गए हर एक वायदे को पूरा करेगी और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगी। प्रदेश सरकार शीघ्र ही जनता को किए गए वायदे के अनुसार इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि योजना के तहत अपै्रल और मई के बकाये के रूप में 3 हजार रुपये महिलाओं के खाते में डालेगी, जिसके लिए धनराशि जारी की जा चुकी है।