दिल्ली निर्भया कांड के बाद महिलाओं और लोगों की सुरक्षा के उदेश्य से देश में सभी व्यावसायिक वाहनों में जीपीएस लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग ने भी डिवाइस लगाने के लिए पांच कंपनियां चयनित की थी जिन्हें अब सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है।
परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने अपने फेसबुक अकाउंट में इसकी जानकारी सांझा की है। इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने के पीछे डिवाइस को मंहगे दामों पर बेचना कारण बताया जा रहा है। लेकिन कंपनियों ने यह मानने से ही इनकार कर दिया है और कहा है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी विभाग ने अभी तक नहीं दी है। मंत्री ने गलती से फेसबुक पर डाल दिया होगा जिसे ठीक कर लिया जायेगा।
व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस VLTD मेनुफेक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष केडी भार्गव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने डिवाइस के साथ हूटर और पैनिक बटन लगाने की भी कंपनियों से मांग की है जो कि पहले डिवाइस में नहीं होता था। कंपनिया सभी आधुनिक सुविधांए कम दाम में डिवाइस के साथ दे रही है अगर कोई डीलर लोगों से ज्यादा पैसे ले रहे होंगे तो उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी।
कंपनी एक और जहां कम दाम में अत्याधुनिक व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लोगों को देने की बात कर रही वहीं, दूसरी तरफ लोगों ने डिवाइस को मंहगे में बेचने की शिकायतें परिवहन मंत्री को भेजी हैं। जिस पर गोविंद सिंह ठाकुर ने बीते रोज कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश दे दिए हैं। लेकिन कंपनिया मानने को तैयार नहीं है जिससे व्यावसायिक वाहन चालक भी उलझन में आ गए हैं। हालांकि कंपिनयों ने सरकार को बेहतर सुविधाए मुहेया करवाने के लिए 20 लाख रुपये की गारंटी राशी भी जमा की है।