<p>हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार पर डॉक्टरों को लेकर दोगली नीति अपनाने का आरोप लगाया है। एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि एक तरफ तो सरकार पीजी पॉलिसी बनाने के लिए संघ के साथ बातचीत कर रही है और दूसरी तरफ नए डॉक्टर्स जिनकी पीजी के लिए सिलेक्शन हुई हैं उन पर बॉन्ड भरने का दबाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में बॉन्ड भरने वाली नीति को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और संघ मांग करता है कि हिमाचल प्रदेश में भी सरकार पंजाब और हरियाणा के रूल्स को लागू करें।</p>
<p>उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी पॉलिसी बनाने के लिए जल्दी से कोई निर्णय ले क्योंकि, इसके नहीं बनने के कारण नए प्रशिक्षु डॉक्टरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि डॉक्टरों को लेकर नियमित रूप से डीपीसी की जाए ताकि मेडिकल कॉलेजों में भी रोटेशन के आधार पर डॉक्टर रखे जाएंगे और इसी तरह से शिक्षा के स्तर में भी इजाफा होगा।</p>
<p>उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नियमित रूप से डीपीसी नहीं होने के कारण जिला के अस्पतालों में वीएमओ और सीएमओ की पोस्टें काफी समय से खाली चल रही हैं। अगर सरकार अपनी पॉलिसी में सुधार करेगी तो स्वास्थ्य संबंधी काफी सुविधाएं भी आम आदमी के लिए बढ़ सकती हैं।</p>
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