<p>जिला सिरमौर के नाहन में आदर्श जेल के नजदीक पूर्वी मोहल्ला निवासी 74 साल का अंधा बुजुर्ग 3 सालों से तिरपाल नुमा टेंट में नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। मंदिर कमेटी सदस्य, पुजारी और अन्य स्थानीय दुकानदार चाय रोटी देकर बुजुर्ग का पेट भर रहे हैं। श्रद्धालु भी रोटी और अन्य खाने का सामान दे देते हैं। मगर बुजुर्ग बदबू युक्त स्थान पर अपने आखिरी दिन काटने पर मजबूर है। मगर किसी समाजसेवी की इस बुजुर्ग पर नजर नहीं पड़ी और ना ही किसी प्रशासनिक अधिकारी और किसी नेता ने उसकी खबर ली।</p>
<p>इस बुजुर्ग को वृद्धाश्रम की बहुत आवश्यकता है। आंखों का अंधापन जन्म से नहीं बल्कि पिछले 2 साल से बताया जाता है। बुजुर्ग ने कभी शादी नहीं करवाई, परिवार में भाई और भतीजे बताए जाते हैं जो नाहन में रह रहे हैं। बुजुर्ग को आस है कि कोई समाजसेवी भगवान बनकर जरूर आएगा जो उनके दुखों को दूर करेगा।</p>
<p>सरकार के द्वारा हर जिला में रैन बसेरे खोले गए हैं इन रैन बसेरों में इन्हीं तरह के बेसहारा लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। रहने के साथ-साथ इनको खाने की व्यवस्था भी मुहैया करवाई जाती है लेकिन जिस तरह सड़कों पर बेसहारा लोग दिख रहे हैं उस तरह सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य पर सवाल उठता है कि आखिर इन रैन बसेरों में यह व्यक्ति क्यों नहीं रह पा रहे हैं।</p>
NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…
Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…
Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…