सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कीरतपुर मनाली फोरलेन निर्माण के पूरा होने के बाद लेह तक की दूरी में 106 किमी की कमी हो जाएगी और लेह तक का सफर काफी आसान हो जाएगा । इस प्रोजेक्ट के तहत मंडी जिला में पंडोह से टकोली तक बन रही दस में से आज तीसरी टनल का ब्रेकथ्रू हुआ। यह ब्रेकथ्रू डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बटन दबाकर किया। उन्होंने बताया कि टनलों का निर्माण काफी चुनौतीपूर्ण है । लेकिन एनएचएआई के मार्गदर्शन में एफकॉन्स कंपनी बेहतरीन ढंग से इस काम को अंजाम दे रही है। उन्होंने बताया कि कीरतपुर से मनाली तक बन रहे फोरलेन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 36 किमी का सफर कम हो जाएगा और इस कार्य में टनलों का अहम योगदान है। बता दें कि मनाली से लाहुल स्पिति के लिए एक और टनल बन चुकी है और उसका कार्य अंतिम चरण में है। जब यह टनल भी सुचारू हो जाएगी तो कीरतपुर से लेह तक की दूरी में 106 किमी की कमी आएगी जोकि सेना के लिए काफी मददगार साबित होगा। क्योंकि सेना का सारा सामान इसी रास्ते से लेह तक जाता है।
डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मंडी जिला में पंडोह से टकोली तक का एरिया सबसे ज्यादा स्लाईडिंग वाला एरिया है। ऐसे में यहां टनलों के माध्यम से फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है क्योंकि और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि यह टनलें ऑल वैदर टनलें होंगी, जहां हर मौसम में इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने तेज गति के साथ कार्य करने के लिए एनएचएआई और एफकॉन्स कंपनी के अधिकारियों को बधाई दी। इस ब्रेक थ्रू हुई टनल का कार्य एफकॉन कम्पनी ने ऋषि मार्कण्डेय कम्पनी को दे रखा है । इनके साथ रेन्सनाला सिविल साइट इंचार्ज इंजीनियर डी के पांडे एइंजीनियर सलाम खानएव दवाड़ा साइट इंचार्ज इंजीनियर राजेन्द्र वर्मा और इनकी पूरी टीम ने इस कार्य के लिए दिन रात मेहनत की है।इसी के साथ प्रोजेक्ट मैनेजर आर के सिंह ने इस उपलब्धि का सारा श्रेय अपने इंजीनियर कर्मचारी औऱ मजदूरों को दिया है, जिन्होंने दिन रात मेहनत की है।