Follow Us:

बजट सत्र: PG करने वाले डॉक्टरों के लिए राहत भरी खबर, सरकार ने कम की बैंक गारंटी

पी. चंद, शिमला |

विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि बैंक गांरटी लगाना इस लिए ज़रूरी है क्योंकि ज्यादातर डॉक्टर हिमाचल में पढ़ाई करने के बाद प्रदेश से बाहर सेवाएं देने चले जातें है। इसको रोकने के लिए ये व्यवस्थाएं की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल में डिग्री करने बाद अभी तक 35 डॉक्टरों ने हिमाचल छोड़ कर बाहर गए हैं ।

मुख्यमंत्री में सदन में इसी मामले में हस्तक्षेप करते हुए बताया कि डॉक्टरों और विशेषज्ञों के लिए 10 लाख की बैंक गारेंटी को बीते कल की ही केबिनेट में घटाकर 5 लाख किया गया है। जिससे डॉक्टरों के पलायन और डिग्री करने में पेश आ रही परेशानियों को कम किया जा सके।

वहीं, प्रश्नकाल के दौरान डलहौजी की विधायक आशा कुमारी ने शिमला में टर्सरी केयर सेंटर खोले जाने और धन के लेकर बारे सवाल किया। जिसके जबाव में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार से इसके लिए 90:10 अनुपात में 45 करोड़ राशि मिली है जिज़मे 30 प्रतिशत मशीनरी और 70 फीसदी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होना है ।

मंत्री ने कहा कि कैंसर अस्पताल के लिए पर्याप्त सुविधाओं को उपलब्ध करवाया गया है। कैंसर अस्पातल में 2200 से 2500 मरीज महीने में आतें है जिनके लिए किसी तरह की स्टाफ या डॉक्टरों की कमी नहीं है । स्वास्थ्य मंत्री ने कहा की प्रदेश के 10 अस्पतालों में कीमो थेरेपी की जा रही है और इसके लिए ट्रेंड डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है। अपैक्स सेंटर मुंबई की गाइडलाइन के मुताबिक ही काम किया जा रहा है  । टांडा के भी जल्दी ही लीनियर एक्सीलेरेटर स्थापित करने का काम प्रगति पर है ।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ बीमारियों का इलाज शिमला और टांडा में नहीं है उन्हीं मरीजों को चंडीगढ़ या बाहर भेजा जाता है । नूरपुर के विधायक के सप्लीमेंट्री के जवाब में स्वाथ्य मंत्री ने कहा कि कांगड़ा के टांडा में कैंसर का प्रभावी ईलाज किया जा रहा है। लेकिन कैंसर के ईलाज कई माध्यमों से किया जाता है। लेकिन प्रदेश में ज्यादातर लंग्स और ब्रेस्ट कैंसर के मरीज ज्यादा संख्या में आ रहे है । इसी प्रश्न पर किनौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिये, और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्थिति स्पष्ठ करने की मांग की ।

इसी सवाल में माकपा नेता राकेश सिंघा ने भी स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि ओनोकोलजी और कैंसर के ईलाज के लिए सरकार क्या कर रही है? जब बीमारियां बढ़ रही है क्या उसी अनुपात में डॉक्टरों की नियुक्ति हो रहीं है या नही? सिंघा ने सरकार से ये जानना चाहा कि सरकार डॉक्टरों से पढ़ाई के दौरान बैंक गारेंटी को कम कर रहें है या नहीं??..