भोरंज में मंडल भाजपा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता अभियान कार्यक्रम में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि मोदी सरकार ने धारा 370 एवं 35a को खत्म करके जम्मू एवं कश्मीर को खुशहाली की राह पर बढ़ाया है। धारा 370 एवं 35a के खत्म होने से पहले जम्मू एवं कश्मीर राज्य का हाल ऐसा था कि वहां के नागरिकों को भारत देश में मिलने वाले मूलभूत अधिकारों जैसे कि राइट टू एजुकेशन व राइट टू इनफार्मेशन इत्यादि से भी वंचित रहना पड़ता था।
वहां के सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन में भी अन्य प्रदेशों में कार्यरत कर्मचारियों को मिल रहे वेतन से बहुत विसंगतियां थी। अब जम्मू कश्मीर केंद्र शाषित प्रदेश बना है तो जो तनख्वाह दिल्ली के कर्मचारियों को मिलती है वही जम्मू कश्मीर के कर्मचारियों को भी मिलेगी।
धूमल ने आंकड़े बताते हुए कहा कि 2004 से लेकर 2019 तक जम्मू कश्मीर राज्य के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा लगभग दो लाख 70 हजार करोड़ रूपए जारी हुए लेकिन वहां विकास नहीं हुआ, अब भी बहुत गरीबी है। 2011 में भारत सरकार से अन्य राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश को भी विकास के लिए प्रति व्यक्ति लगभग 3683 रुपये खर्चा मिला था, लेकिन जम्मू कश्मीर को प्रति व्यक्ति मिला 14255 रुपये मिले थे। 2017-18 में मोदी सरकार ने यह खर्चा बढ़ा कर 8227 रुपये अन्य राज्यों सहित हिमाचल को दिया , तो जम्मू कश्मीर को फिर से और भी ज्यादा बढ़ा हुआ यह खर्च 27358 रुपये प्रति व्यक्ति मिला। केंद्र से इतनी अधिक धनराशि मिलने के बावजूद जम्मू कश्मीर राज्य फिर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में विकास के मामले में कोसों पीछे है।
धूमल ने कहा कि धारा 370 खत्म करने से पहले विरोधी रोज पूछते थे कि धारा 370 कब खत्म करोगे और जब मोदी सरकार ने इस धारा को खत्म कर दिया तब वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं। धारा 370 एवं 35a के खत्म होने से पहले पिछले 10-15 वर्षों में ही लगभग 40,000 से अधिक सैनिक अर्धसैनिक एवं सिविलियन जम्मू एवं कश्मीर में मारे गए, आए दिन जम्मू कश्मीर राज्य से कोई न कोई अप्रिय घटना सुनने को मिलती थी, आंतकवादी ढेर होते थे और हमारे लोग शहीद हो जाया करते थे, लेकिन धारा 370 एवं 35a हटने के बाद व जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ऐसी घटनाएं भी ना के बराबर सुनने को मिल रही हैं।
धूमल ने ककहा कि डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि एक देश में दो प्रधान, दो निशान व दो विधान नहीं चल सकते। उनके शहीद होने के पश्चात पार्टी ने जोर शोर से कई वर्षों तक यह नारा लगाया कि , जहां बलिदान हुए मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है , जो कश्मीर हमारा है, वो सारे का सारा है। आज मोदी सरकार ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के उन वाक्यों को पूरा करके दिखाया है।