मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश कैबिनेट की आपात बैठक हुई जिसमें हिमाचल प्रदेश गौण खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, उसके परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियम, 2015 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई है। ताकि सड़कों व सुरक्षा दिवारों के निर्माण, डंगों की सोलिंग इत्यादि में लघु खनिज पदार्थों का सर्वोत्कृष्ट उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए पत्थर और रेत जैसे खनिज पदार्थों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों से संबंधित सड़कों के निर्माण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले गौण खनिज पदार्थों के उसी कार्य के लिए उपयोग की अनुमति खनन अधिकारी प्रदान करेंगे। इसमें सड़कों के निर्माण सहित सुरक्षा दीवार, डंगों की सोलिंग इत्यादि के कार्य शामिल होंगे, जिसमें एक समय में 10 हजार मीट्रिक टन प्रतिमाह और अधिकतम 20 हजार मीट्रिक टन प्रति कार्य के उपयोग की ही अनुमति होगी, जिसके लिए कार्य करवा रहे प्रभारी अभियन्ता, जोकि सहायक अभियन्ता के पद से कम नहीं होगा, की रिपोर्ट को आधार माना जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने इसमें एक नियम सम्मिलित करने का भी निर्णय लिया, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खनन लीज़ होल्डर नहीं है और उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है और ट्रांजिट फार्म उपलब्ध नहीं करवा सका है, तो उसे प्रचलित दरों पर रॉयल्टी और रॉयल्टी के 25 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करना होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश व्यापार मंडल के साथ बैठक की जिसमें व्यापारियों को मार्जन ऑफ प्रॉफिट एक्ट खत्म करने का निर्णय लिया है। बैठक में व्यापारी कल्याण कोष की स्थापना का निर्णय लिया है और अन्य मांगों को लेकर सकारात्मक कदम उठाने की बात कही है।