मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी की अध्यक्षता में आज यहां ऊर्जा तथा वन विभाग के साथ प्रदेश में जलविद्युत परियोजनओं में कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट प्लान (कैट) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में कई महत्वपूर्ण नदियों पर विभिन्न जलविद्युत परियोजनाएं बनी हैं अथवा निर्माणाधीन हैं। इन जलविद्युत परियोजनाओं में कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट प्लान की विशेष भूमिका होती है। प्रदेश में कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट प्लान का प्रतिशत निर्धारित करने के लिए बेसिन-वाइज दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
उन्होंने कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट प्लान में गाद को कम करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार परियोजना की कुल लागत का 2.5 प्रतिशत कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट प्लान पर खर्च किया जाना चाहिए तथा कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट निधि के उपयोग की निगरानी के लिए संबंधित हितधारकों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) राम सुभग सिंह ने प्रदेश में चल रही जलविद्युत परियोजनाओं में कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में विकास सुनिश्चित करवा रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण पर भी आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं।