गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को सुलझाने के बाद देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी मंडी की कतांडा वन बीट के गार्ड होशियार सिंह की मौत के केस पर फोकस कर रही है। सीबीआई ने होशियार सिंह केस की जांच तेज कर दी है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सीबीआई ने होशियार सिंह हत्याकांड की जांच में तेजी लाई है। सीबीआई की टीम मामले की जांच करते हुए एक बार फिर कतांडा के जंगल पहुंची और पूरा क्राइम सीन रिक्रिएट किया।
बता दें मामले में अब तक सीबीआई तीन गिरफ्तारियां कर चुकी हैं। सीबीआई की राडार पर अभी कुछ और लोग भी आए हैं। सीबीआई के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस केस में कई अहम खुलासे होंगे। युवा फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की हत्या हुई या फिर उसने आत्महत्या की, इसका खुलासा भी जल्द होगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर होशियार सिंह मर्डर केस की जांच के लिए गठित विशेष टीम के निशाने पर कुछ और संदिग्ध हैं। बीते दिन सीबीआई ने इस मामले में चार लोगों को पकड़ा। इनमें से तीन की गिरफ्तारी शो कर दी गई है और उनका रिमांड भी हासिल कर लिया गया है। एक को फिलहाल छोड़ दिया गया है।
दुनिया छोड़ने से पहले हिमाचल का ये बहादुर फॉरेस्ट गार्ड अपना फर्ज पूरा कर गया। अपने मोबाइल फोन से वन काटुओं के फोटो खींच कर होशियार सिंह ने कई चेहरे बेनकाब किए। बाद में जब होशियार सिंह का मोबाइल फोन पुलिस ने कब्जे में लिया तो खींची गई फोटोज के आधार पर चार वन तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई। ये तस्कर एक ही परिवार से संबंध रखते हैं। उनमें से तीन तो भाई थे और एक रिश्ते में उनका भतीजा यानी तीन आरोपियों में से एक का लड़का था।
वन विभाग ने अपने स्तर पर विभागीय जांच की। इस केस में जिस बीओ तेजराम को सस्पेंड किया गया, वो वन कर्मचारी यूनियन का नेता रहा है। यही नहीं, साल 2009 में उसने आईएफएस अफसर यानी डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) की पिटाई तक कर दी थी। जिन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, वे भी इलाके में लकड़ी की तस्करी के लिए कुख्यात रहे हैं। बाद में जनदबाव बढ़ते देखकर हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया और जांच सीबीआई को सौंपी गई।
पुलिस जांच पर उठे थे ये सवाल
गौर हो कि फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की संदिग्ध मौत के मामले में हाईकोर्ट ने एमिक्स क्यूरी की नियुक्ति की है। एमिक्स क्यूरी ने पुलिस की जांच पर कई गंभीर सवाल उठाए थे। एमिक्स क्यूरी ने जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा था कि होशियार सिंह ने 5 जून 2017 को सुबह करीब पौने 9 बजे इलाके के एक अध्यापक के घर पर दाल, चावल, सलाद के साथ आलू-मटर की सब्जी खाई थी। वहीं, 10 जून को किए गए पोस्मॉर्टम की रिपोर्ट में भी होशियार सिंह के पेट में यही पदार्थ कैसे पाए गए?
डॉक्टर्स के ओपिनियन के अनुसार पेट में खाना 4 से 6 घंटों में पच जाता है। अगर जहर खाया हो तो ये प्रक्रिया कुछ और देरी से पूरी होती है। एमिक्स क्यूरी के अनुसार होशियार सिंह की मौत के समय की पुख्ता जानकारी जरूरी है क्योंकि इससे ही मौत की असल वजह जानने में बहुत हद तक मदद मिलेगी। वहीं, 5 से 9 जून के बीच घटनास्थल पर बारिश हुई या नहीं, पुलिस ने इस बारे में भी जांच नहीं की थी।
सीबीआई की 22 सदस्यीय टीम कर रही जांच
हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी में एसपी और डीएसपी स्तर के 3 अधिकारी शामिल हैं। इस टीम में कुल 22 लोग हैं। हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की सुनवाई के दौरान हिदायत दी थी कि वे घटना स्थल का नियमित रूप से दौरा करें और पेशेवर अंदाज में जांच को अंजाम दें। हाईकोर्ट ने ये भी निर्देश दिया था कि सीबीआई को इस तरह से जांच को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों को भी लगे कि वास्तव में जांच हो रही है।