हमीरपुर को शिक्षा के हब के रूप में माना जाता है। हमीरपुर का इतिहास रहा है कि यहां से हमेशा ही स्कूल प्रदेश को एक बड़ी मेरिट देते रहे हैं। लेकिन इस बार सीसीटीवी की निगरानी में हुए पेपरों ने हमीरपुर की पोल खोल कर रख दी है। शिक्षा हब कहे जाने वाले हमीरपुर को इस बार सिर्फ दो मेरिट से ही गुजारा करना पड़ा है। वैसे तो यहां शिक्षा के नाम पर कई बड़े-बड़े स्कूल हैं जो बेहतर शिक्षा देने के बड़े-बड़े दाबे भी करते हैं। यहां के अधिकतर स्कूल शिक्षा अकादमियों के साथ भी जुड़े हैं। लेकिन परिक्षा परिणामों को देख अब अभिभावकों के मन में ये सवाल भी आने लगा है कि ये सिर्फ पढ़ाई ही है या फिर बच्चों का आई बॉश।
क्योंकि स्कूलों और इन से जुड़ी अकादमियों की भारी भरकम फीस चुकाने के बाद भी अगर इस तरह से नतीजे आते हैं तो फिर शिक्षा हब में पढ़ाई के स्तर पर सवाल उठना लाजमी है। वहीं चाणक्य अकादमी के मालिक नवनीत शर्मा ने परिक्षा नतीजों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कुछ संस्थान अभिभावकों और बच्चों को मिसगाइड करते हैं । वे अधिक पैसे के चक्कर में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर अभिभावकों को जागरूक होना पड़ेगा ताकि शिक्षा का व्यापार न बन पाए।