हिमाचल प्रदेश में सीमेंट कम्पनियों ने एक बार फिर सीमेंट के दाम बढ़ा दिए हैं और सरकार बेबस नज़र आ रही है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में एक बोरी का दाम 50 रुपये बढ़ चुका है और यह सीमेंट हिमाचल में ही बन रहा है। प्रदेश सरकार को लोगों की आर्थिक स्थिति की सुध नहीं है। भवन निर्माण सामग्री के दामों में बढ़ौतरी प्रदेश की जनता पर सीधा अन्याय है।
भगौलिक परिस्थितियों के कारण यहां लोगों को साईट तक निर्माण सामग्री पहुंचाते ही और अधिक ख़र्च ढुलाई के रूप में देना पड़ता है। जिस प्रदेश में पहले से ही लोगों को निर्माण अधिक दाम पर पड़ता है और जिस प्रदेश में ही पहाड़ छलनी होकर सीमेंट बनता है। उसी प्रदेश के लोगों को महंगा सीमेंट बेचा जा रहा है और सरकार लगातार बढ़ते इन दामों पर कुछ नहीं कर पा रही। आम लोगों के दर्द को समझने में सरकार नाकाम है। पहले करोना काल में बस किराए बढ़ाए, फिर बिजली के रेट अब सीमेंट के दाम बढ़ा दिए।