केंद्र सरकार ने अमेरिका से आयातित सेब पर 25 फीसदी आयात शुल्क बढ़वाने का फैसला लिया है। इसका प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को दिया है। इससे हिमाचली बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। 21 जून के बाद आयात शुल्क की नई दरें लागू की जानी हैं।
इससे बरसों से चली आ रही प्रदेश के सेब बागवानों की यह मांग पूरी होगी। इस बार सेब का सीजन कमजोर है। इससे अगले महीने से शुरू होने जा रहे सेब सीजन में इस बार फसल कम होने के बावजूद बागवानों को उनकी फसल के अच्छे दाम मिल सकते हैं।
विदेशी सेब पर लगाया जाएगा 50 प्रतिशत आयात शुल्क
अभी तक अमेरिका और अन्य देशों से आ रहे सेब पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जा रहा है। हालांकि, सार्क देशों से बगैर आयात शुल्क के सेब भारत आता है। केंद्र सरकार ने यह रुख अमेरिका की ओर से भारत से निर्यातित एल्यूमिनियम और स्टील पर अतिरिक्त कर लगाने के बाद अपनाया है। इस बारे में केंद्र सरकार ने अमेरिका को मई महीने में भी चेता दिया था कि अगर अमेरिका ने पुनर्विचार नहीं किया तो भारत सेब सहित कई उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा देगा।
हिमाचल के बागवानों को मिलेगा लाभ
अब इसे 30 अमेरिकी उत्पादों पर बढ़ाने का फैसला हुआ है। इनमें अमेरिकी सेब प्रमुख है। देश के लिए पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा सेब का आयात चीन से होता रहा है। उसके बाद दूसरा बड़ा आयातक देश अमेरिका ही रहा है। हालांकि, भारत चीन पर पहले ही बंदिशें लगा चुका है, जिससे आयात काफी कम हुआ है। अब यह और कम होगा।
बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि ये प्रदेश के सेब बागवानों के लिए बड़ी राहत होगी। बीजेपी की सरकार किसानों-बागवानों के हित को अपना परमधर्म मानती है। इस दिशा में गंभीर कदम उठाए जाने से बागवानों को निश्चित तौर पर लाभ होगा। केंद्र सरकार का ऐसा कोई भी फैसला स्वागतयोग्य है। वह इस बारे में पूरी जानकारी ले रहे हैं।