केंद्रीय पंचायती राज मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने IIRD मिशन के तहत शिमला में शनिवार को रीव की शुरुआत की। मिशन रीव-एक ऐसा मिशन है, जो गांव को विकास के पथ पर आगे ले जाएगा। इस मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के कम से कम तीन लोगों को रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।
2019 तक 24,8000 ग्राम पंचायतों में लागू होगा
पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि विभिन्न प्रकार की तकनीकी सेवाओं के लिए लोगों को अब शहरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिल जाएगी। अब ये सेवाएं लोगों को घरद्वार पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन सेवाओं में स्वास्थ्य, शिक्षा, बैकिंग, सरकारी योजनाओं के आवेदनों सहित लगभग 20 प्रकार की सेवाएं शामिल हैं। इसके सफल परिणाम के बाद इसी परियोजना को देश की लगभग 248000 ग्राम पंचायतों में मार्च, 2019 तक लागू किया जाएगा। पायलट परियोजना के अंतर्गत अकेले हिमाचल प्रदेश में लगभग 6500 युवाओं को रोजगार मिलेगा।
हर उपभोक्ता का होगा अपना लॉगइन आईडी
अगले तीन से पांच वर्षों के अंतराल में इस मिशन से लगभग 25 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाए जाने की संभावना है। इस मिशन की खास बात यह है कि सभी प्रकार की सेवाएं मिशन रीव की वेबसाइट और विशेष रूप से निर्मित सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपलब्ध होगी। हर उपभोक्ता का अपना लॉगइन आईडी भी होगा। डिजिटल इंडिया की दिशा में आईआईआरडी शिमला का यह एक अनूठा प्रयोग होगा।
शिमला में मिशन रीव की शुरुआत केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने की। मिशन की आधिकारिक शुरुआत केंद्रीय राज्य मंत्री आईआईआरडी मुख्य कार्यालय एवं मिशन रीव सचिवालय शनान से की। हिमाचल को इस प्रोजेक्ट के लिए पायलट आधार पर चुना गया है।