हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी, विद्यार्थी अब अपने शोध कार्यों और उच्च शिक्षा के लिए ठाकुर जगदेव चंद समिति शोध संस्थान नेरी हमीरपुर का लाभ उठा पाएंगे । इस दिशा में मंगलवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला और ठाकुर जगदेव चंद समिति शोध संस्थान नेरी के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इसका लक्ष्य शैक्षणिक कार्यकलापों और संबंधित शोध के क्षेत्र में एक-दूसरे के संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना रहेगा। शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और विद्वानों को इसका लाभ होगा और वे पुस्तकालय का उपयोग भी कर पाएंगें।
इस मौके पर मौजूद विश्वविद्यालय के कुलपति डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और विद्वानों को दूरगामी लाभ मिलेगा और शोध की दिशा में सुधार होगा। भारत की प्राच्य विद्या की परंपरा में प्रकृति और पृथ्वी पर मानव सृष्टि का इतिहास सिद्धांत रुप में निबद्ध है जो 197 करोड़ वर्ष के इतिहास की चर्चा करता है। सभ्यता, संस्कृति और इतिहास बोध करवाने वाली ग्रामीण परिवेश की विषय वस्तुओं का संरक्षण और लेखन इस समझौता ज्ञापन का एक उद्देश्य है। बैठक में ठाकुर जगदेव चंद समिति शोध संस्थान नेरी के अध्यक्ष विजय मोहन कुमार पुरी, कुलसचिव (अतिरिक्त कार्यभार) हेमराज, प्रो. भागचंद चौहान और डॉ. संजय कुमार मौजूद रहे ।