हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) धर्मवीर सिंह राणा ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान आयोग ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। आयोग द्वारा विभिन्न पदों के लिए आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और तीव्रता आई है। ऑनलाइन परीक्षा पद्धति को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि मई, 2020 में एक ऐतिहासिक निर्णय लेकर आयोग ने केवल व्यक्तिगत साक्षात्कार आधार पर चयन प्रक्रिया को समाप्त कर इसमें एक विशेष बदलाव लाया अब अभ्यर्थी के अंतिम चयन के लिए छंटनी परीक्षा में प्राप्त अंकों का 65 प्रतिशत जो पद के विषय से संबंधित होगी और व्यक्तिगत साक्षात्कार में प्राप्त अंकों का 35 प्रतिशत को अधिमान दिया गया है। ऐसा करना इसलिए अनिवार्य किया गया है ताकि अभ्यर्थी के चयन में निष्पक्षता एवं योग्यता का मापदंड स्थाई तौर पर स्थापित किया जा सके।
डीवीएस राणा ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा पद्धति को भी प्रभावी ढंग से लागू किया गया है जिसके परिणामस्वरूप भर्ती प्रक्रिया में तीव्रता आई है। उन्होंने कहा कि 2012 से 2016 तक चार वर्षों में औसतन 374 भर्तियां की गई, जबकि 2017 के बाद इसमें तीव्रता आई है। वर्ष 2017 में 754, वर्ष 2018 में 1174, वर्ष 2019 में 1892 तथा कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 में भी 850 भर्तियां की गई हैं। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुतायत विकास के परिणामस्वरूप आयोग द्वारा ऑनलाइन परीक्षाओं के आयोजन के लिए अत्याधिक प्रयास किए गए। वर्तमान में प्रदेश के हर जिले में ऑनलाइन परीक्षाओं के आयोजन के लिए सुविधा केंद्र चयनित किए गए हैं। इस व्यवस्था से भर्ती प्रक्रिया को अत्याधिक सरल, विश्वसनीय, पारदर्शी एवं अल्पावधि में पूरा करना तय किया गया है।
आयोग ने अभ्यर्थियों के पंजीकरण के लिए पहली बार ओटीआर (वन टाईम रजिस्ट्रेशन) की व्यवस्था अपनाई है, जिससे अभ्यर्थियों को एक बार अपना पंजीकरण करवाना होगा, जिसके परिणामस्वरूप अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा विभिन्न समय पर ज्ञापित पदों के लिए आवेदन करने के लिए बार-बार की प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं रहती है। ऑनलाइन परीक्षा पद्धति में परीक्षा समापन के 30 मिनट के भीतर परीक्षार्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका के ऑनलाइन पुनरीक्षण की व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई है। आयोग के अपने परीक्षा भवन को अति आधुनिक कम्प्यूटर लैब में परिवर्तित किया गया है। इस परीक्षा भवन में 350 परीक्षार्थी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन परीक्षा दे सकते हैं।
आयोग परिसर में भी प्रश्न पत्र मुद्रण प्रणाली की स्थापना की गई है। यह व्यवस्था पहली बार कार्यान्वित की गई है, जिसके माध्यम से आयोग विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों एवं उत्तर-पुस्तिकाओं की छपाई कार्यालय में भी कम लागत और अल्प समय में करने में सक्षम हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी आयोग परिसर में किया जाता है। यह व्यवस्था भी पहली बार की गई है। इस कदम से उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की गोपनियता को बढ़ाया है।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार के तत्वावधान एवं सहयोग से आयोग के कार्यालय की संपूर्ण कार्यप्रणाली एवं विभिन्न क्रिया-कलापों के क्रियान्वयन के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वचालन के लिए ई-गवर्नेंस परियोजना प्रारंभ की गई है। भर्ती प्रक्रियाओं के लिए मांग-पत्र, ऑनलाइन परीक्षाओं का संचालन, परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की समीक्षा, विभिन्न विभागों के पदोन्नतियों संबंधी मामलों का निपटान एवं आयोग के कई महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए ओपन समूह द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
इस पुरस्कार को 22 फरवरी, 2018 को बंगलौर में वैश्विक अधिनायक ओपन समूह जिन का व्यापार क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रोत्साहन के लिए आयोजित एक सम्मेलन में दिया गया। सम्मेलन में कुल 126 देशों के सदस्य उपस्थित थे, जिनमें से पुरस्कार के लिए उरूग्वे, केन्या, मलेशिया, बंगलादेश, श्रीलंका, ताईवान एवं भारत का चयन किया गया था। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सुविधा के लिए पहली बार एंड्रॉयड के साथ-साथ आईओएस पर मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया गया है। लोक सेवा आयोग परिसर की सी.सी.टी.वी. कैमरों से निगरानी की जा रही है और भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक नई इंटरेक्टिव वेबसाइट भी शुरू की गई है।