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चंबा: प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक नहीं पहुंच पा रही हैं सरकारी योजनाएं!

मृत्युंजय पुरी |

प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा लोगों के लिए दर्जनों कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई हैं। उन योजनाओं का बहुत से लोगों को लाभ मिला भी है लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों के दूरदराज के इलाकों में लोग ऐसे हैं जिन्हें इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार तो योजनाएं बना देती है लेकिन जिन सरकारी अधिकारियों ने इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना होता है उनकी लापरवाही की वजह से वे योजनाएं उन पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। बहुत से लोग इन योजनाओं के लिए आवेदनों और कागजों के चक्कर में ही उलझे रहते हैं। लेकिन सरकारी तंत्र सुस्त रवइये की वजह से उन लोगों को इन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ता है।

बहुत सी महिलाएं आज भी अपने घरों में चूल्हे जलाती हैं और धुएं से उनका बुरा हाल होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करोड़ों रुपए की राशि लोगों को प्रदान की गई है लेकिन बावजूद इसके लोग आज भी कच्चे घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। बारिश के दौरान लोगों के घर की छत टपकती है जिसकी वजह से सारा पानी घर के अंदर आ जाता है। मजबूरन उन्हें टपकती छत के नीचे बर्तन रखने पड़ते हैं ताकि पानी फर्श पर ना फैले और उनके छोटे-छोटे बच्चे इस कीचड़ से बचे रहें।

महिलाओं ने बताया कि उन्होंने उज्जवला योजना के तहत आवेदन तो किया था लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें गैस चूल्हा और सिलेंडर नहीं मिल पाए। उन्होंने बताया कि गरीबों के लिए सरकार योजनाएं तो बनाती हैं लेकिन वह योजनाएं हमारे तक नहीं पहुंच पा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज भी हमें लकड़ी से चूल्हा जलाकर गुजारा करना पड़ रहा है। महिलाओं ने बताया कि अब तो लकड़ी भी नहीं मिल पा रही है और उन्हें बड़ी ही मुश्किल से अपने बच्चों का पेट पालना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है की उन्हें उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हे मुहैया करवाई जाए ताकि वह भी गैस चूल्हे पर खाना बना सके।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बहुत से लोगों को घर बनाने के लिए सरकार द्वारा धनराशि दी गई लेकिन यहां अभी भी बहुत से ऐसे पात्र व्यक्ति हैं जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। लोगों ने बताया कि उनके घर अभी भी कच्चे हैं और जब बारिश होती है तो छत से पानी टपकता है नीचे बर्तन रखने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि छत के ऊपर मिट्टी को दबाना पड़ता है ताकि पानी घर के अंदर ना आए और इसी तरह उन्हें जीवन यापन करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार उन्हें घर बनाने के लिए धनराशि दे ताकि वह भी अपने बल बच्चों के साथ पक्के मकान में रह सकें।