<p>कबायली क्षेत्रों में सेब उत्पादन यहां के लोगों की आर्थिकी की रीढ़ रही है। मुख्य रूप से सेब तो इसके अलावा पलम, अखरोट, राजमाश, आलू और दूसरे उत्पाद कबायली क्षेत्रों की आमदनी का साधन रहा है। वहीं इस बार राहत के लिए हो रहा बर्फबारी का इंतज़ार बागवानों के लिए आफत बन आया है। चुराह क्षेत्र में सेब के करीब 10 हजार पेड़ क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 12 हजार पेडों को आंशिक नुकसान का अनुमान है।</p>
<p>उधर, भरमौर क्षेत्र में 30 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले बागों को भारी हिमपात से नुकसान हुआ है। यहां 4680 पौधों के नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसमें 1170 के करीब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 3510 पौधों को भारी नुकसान हुआ है। उद्यान विभाग भरमौर द्वारा 70 लाख 20 हजार रुपए के करीब नुकसान आंका गया है। आंकड़ों के मुताबिक चणहौता उद्यान में भी 20 के करीब पौधे पूर्ण रूप से टूटे हैं कथा 30 पौधों को आंशिक रूप में नुकसान हुआ है। ग्राम पंचायत कुठेड में ग्रेडिंग और पैकिंग शैड को डेढ़ लाख का नुकसान हुआ है। इसी तरह अभी तक भरमौर उपमंडल के बागबानों को 72 लाख 60 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। जबकि आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।</p>
<p> इस बारे में जानकारी देते हुए एडीएम भरमौर पी.पी सिंह ने बताया कि जनजातीय उपमंडल भरमौर में हाल ही में हुए भारी हिमपात से करीब 150 बागबानों के बगीचों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं बागवानी अधिकारी चुराह आलक्ष पठानिया ने बताया कि क्षेत्र में सेब के हजारों पेड़ क्षतिग्रस्त हुए हैं जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारी बर्फबारी से करीब डेढ़ करोड़ के नुकसान का आरम्भिक अनुमान है। लिहाज़ा कुदरत के सफेद कहर के आगे बेबस हुए जिले के हजारों बागवान सरकार से उम्मीद लगाए हुए हैं।</p>
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